दिन हो या रात, ठीकरी पहरा देने को मजबूर किसान

चिंतपूर्णी विस क्षेत्र के में बंदरों की बढ़ रही तादाद, लावारिस गायों के झुंड और सुअरों के आतंक पर नकेल न कस पाने से स्थानीय लोग हताश व निराश हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 06:47 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 06:47 PM (IST)
दिन हो या रात, ठीकरी पहरा देने को मजबूर किसान
दिन हो या रात, ठीकरी पहरा देने को मजबूर किसान

नीरज पराशर, चिंतपूर्णी

चिंतपूर्णी विस क्षेत्र के में बंदरों की बढ़ रही तादाद, लावारिस गायों के झुंड और सुअरों के आतंक पर नकेल न कस पाने से स्थानीय लोग हताश व निराश हो चुके हैं। किसानों की समस्या को हल करने के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है। इस बार धार क्षेत्र में फसल बेहद अच्छी है, लेकिन किसानों को जंगली जानवरों का भय सता रहा है और वे दिन-रात खेत में ठीकरी पहरा देने को मजबूर हैं।

विधानसभा क्षेत्र ¨चतपूर्णी के घंगरेट से लेकर सूरी तक के साठ किलोमीटर के भौगोलिक दायरे में किसान जंगली जानवरों के आंतक से बुरी तरह परेशान हैं। इस क्षेत्र में करीब 3500 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्की की खेती, 25 हेक्टेयर में दालें, 16 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन, 40 हेक्टेयर में तेल बीज और लगभग छह हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की जाती है। सबसे ज्यादा किसान बंदरों से परेशान हैं। इस कारण कई किसानों ने गेहूं की फसल को छोड़ शेष फसलों का उत्पादन करना ही बंद कर दिया है। ऐसे में मक्की की खेती अब कुछ सौ हेक्टेयर तक सीमित होकर रह गई है। उसकी जगह किसानों ने अपने पशुओं के लिए चरी-बाजरा बीजना शुरू कर दिया है। किसानों ने कई बार बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की प्रदेश सरकार से गुहार भी लगाई, लेकिन उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब हालात यह हैं बिना खेती के किसानों के खेत बंजर बनने लगे हैं।

जिन किसानों ने इस बार मक्की की फसल की बुआई की हुई है, वे फसल को देख कर प्रसन्न तो हैं क्योंकि बेहतर मानसून और आंधी-तूफान न चलने के कारण बंपर फसल की उम्मीद है। बावजूद इसके जिस तरह से जंगली जानवर खेत के इर्द-गिर्द मंडरा रहे हैं, उससे किसानों को ¨चता सता रही है। अगर जरा सी भी लापरवाही या चूक हुई तो ये जानवर फसल को चट कर जाएंगे। वहीं, राष्ट्रीय स्वतंत्र किसान मोर्चा के राज्य मीडिया प्रभारी कुलदीप धीमान ने बंदरों की बढ़ती तादाद पर नकेल कसने की वकालत करते हुए कहा सरकार को इस दिशा में गंभीर प्रयास करने होंगे।

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