ऊना के ल्युमिनस उद्योग में खूनी झड़प के बाद धारा 144 लागू

ह‍िमाचल प्रदेश के ऊना ज‍िला के औद्योगिक क्षेत्र गगरेट के ल्युमिनस उद्योग में कामगारों और ट्रक यूनियन के सदस्यों में खूनी झड़प के बाद प्रशासन ने इस क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है।

By Munish DixitEdited By: Publish:Fri, 07 Sep 2018 12:15 PM (IST) Updated:Fri, 07 Sep 2018 12:15 PM (IST)
ऊना के ल्युमिनस उद्योग में खूनी झड़प के बाद धारा 144 लागू
ऊना के ल्युमिनस उद्योग में खूनी झड़प के बाद धारा 144 लागू

जेएनएन, गगरेट (ऊना): ह‍िमाचल प्रदेश के ऊना ज‍िला के औद्योगिक क्षेत्र गगरेट के ल्युमिनस उद्योग में कामगारों और ट्रक यूनियन के सदस्यों में खूनी झड़प के बाद प्रशासन ने इस क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है। एसडीएम अंब सुनील वर्मा ने इसको लेकर आदेश जारी क‍िए है। ल्‍यूम‍िनस प्‍लांट के सभी प्‍लांटों के पांच सौ मीटर के दायरे में धारा 144 लागू हो गई है।

वीरवार को यहां ट्रक की लोडिंग को लेकर शुरू हुआ विवाद मारपीट में बदल गया। गुस्साए कामगारों ने सड़क पर चक्का जाम कर दिया। इस झड़प में ट्रक यूनियन के एक सदस्य की आंख फूट गई है, वहीं एक कामगार गंभीर हालत में क्षेत्रीय अस्पताल में दाखिल है। करीब पचास लोगों को चोटें आई हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। क्रॉस एफआइआर दर्ज हुई है। सात लोगों को नामजद किया गया है। ट्रक यूनियन का आरोप है बुधवार को ट्रक चालक बिक्रम स‍िंह ल्युमिनस के यूनिट-एक में माल ढुलाई को गया था। गेट पर कामगार यूनियन के लोगों ने रोका और मारपीट करने लगे। साथ में ट्रक के शीशे भी तोड़ दिए।

इसके बाद ट्रक यूनियन के लोग ल्युमिनस उद्योग यूनिट एक में बात करने गए तो वहां फिर उनके साथ लड़ाई-झगड़ा किया। इसके बाद कामगार यूनियन और यूनिट एक से पांच तक के वर्करों ने एनएच- 3 पर चक्का जाम कर दिया। तब वहां ट्रक यूनियन के लोगों और उद्योग के कामगारों के बीच खूनी झड़प हुई, जिसमें डंडे और पत्थर तक चले। दूसरी ओर कामगारों का आरोप है दोपहर को उनकी बस 1.45 बजे आई। वहां एक ट्रक पहले से खड़ा था जिसमें ट्रक यूनियन के लोग पहले से घात लगाए बैठे थे, अचानक से उन्होंने कामगारों पर हमला कर दिया। इस हमले में बहुत से कामगार घायल हुए। जिसके रोष स्वरूप कामगारों को रोष प्रदर्शन करना पड़ा।

ट्रक यूनियन और ल्युमिनस कामगार यूनियन का विवाद नया नहीं है। इससे पहले भी कामगार यूनियन और ट्रक यूनियन के विवाद का मामला गगरेट थाने में गया था। कामगार यूनियन के प्रधान की तरफ से थाना गगरेट में एट्रोसिटी एक्ट के तहत शिकायत दी थी तो ट्रक यूनियन ने भी इसी में शिकायत दी थी लेकिन फिर दोनों पक्षों में समझौता हो गया था।

पुलिस की मौजूदगी में होता रहा खूनी खेल

डीएसपी अम्ब मौके पर पहुंच गए थे लेकिन इनकी मौजूदगी में खूनी झड़प होती रही। पुलिस मूकदर्शक बनकर तमाशा देखती रही। पुलिस प्रशासन के पास न तो ह्यूमन शील्ड थी और न ही किसी भी आपात स्थिति से बचने के लिए कोई अन्य साधन।

हमारा ट्रक फैक्ट्री में सामान भरने के लिए गया था लेकिन कामगार यूनियन के लोगों ने हमारे ड्राइवर के साथ झगड़ा किया। जिसे निपटाने के लिए ट्रक यूनियन के सदस्य उद्योग में गए, वहां कामगारों ने हमला कर दिया। उसके बाद ट्रक यूनियन के लोगों ने कामगारों को पीटा। -सतीश गोगी, प्रधान ट्रक यूनियन गगरेट

यह मैनेजमेंट की चाल है। हमारा ट्रक यूनियन के साथ किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। बुधवार को हमारी बस से वर्कर उतरे तो एक ट्रक खड़ा था, जिसमें से कुछ लोग उतरे और अचानक हमला कर दिया। रोष स्वरूप हमने एनएच पर चक्का जाम कर दिया। उसके बाद पुलिस की मौजूदगी में ट्रक यूनियन के लोगों ने दोबारा हमला कर दिया जिसमें बहुत से कामगार घायल हुए हैं। । - मनोज, अध्यक्ष, कामगार यूनियन

पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा था। उसके बाद बनगढ़ से पुलिस बल को मौके पर भेजा गया। इस वारदात की जांच के लिए डीएसपी अम्ब मौके पर भेजे थे। कानून व्यवस्था खराब करने वालों के विरुद्ध कारवाई की जाएगी। दोनों पक्षों के बयान लेने के बाद मामला दर्ज किया है। - दिवाकर शर्मा, पुलिस अधीक्षक

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