ई-वे बिल न भरने पर व्यापारियों से वसूला 51 हजार जुर्माना

बिना ई-वे बिल माल इधर से उधर ले जा रहे व्यापारियों से आबकारी एवं कराधान विभाग कार्यालय अम्ब के जीएसटी अधिकारियों ने 51,000 रुपये जुर्माना वसूल किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 06:09 PM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 06:09 PM (IST)
ई-वे बिल न भरने पर व्यापारियों से वसूला 51 हजार जुर्माना
ई-वे बिल न भरने पर व्यापारियों से वसूला 51 हजार जुर्माना

संवाद सहयोगी, अम्ब : बिना ई-वे बिल माल इधर से उधर ले जा रहे व्यापारियों से आबकारी एवं कराधान विभाग कार्यालय अम्ब के जीएसटी अधिकारियों ने 51,000 रुपये जुर्माना वसूल किया है। इसमें 30,400 रुपये जीएसटी के तहत पेनल्टी के रूप में और 19,600 रुपये पीजीटी के तहत वसूले गए हैं। अधिकारियों ने 36 वाहनों की चे¨कग की थी, जिनमें से 34 वाहनों से पेनल्टी वसूलने के बाद मौके पर ही निपटा दिया गया। जबकि दो वाहनों का फैसला अभी किया जाना है।

दरअसल पहली जून से प्रदेश सरकार ने 50,000 रुपये से ऊपर की खरीद-फरोख्त के सामान की मूवमेंट के लिए ई-वे बिल भरना जरूरी कर दिया गया है। जिसके तहत एक्सेम्पटेड गुड्स को छोड़कर अन्य किसी भी सामान की मूवमेंट के लिए ई-वे बिल भरा जाना जरूरी है। बावजूद इसके बहुत से व्यापारी अभी भी 50,000 रुपये से ऊपर के समान की खरीद और बिक्री के लिए ई-वे बिल नहीं भर रहे थे। इसी को देखते हुए पिछले कुछ दिन से अम्ब सर्कल के सहायक आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी अनिल कुमार, गगरेट सर्किल के सहायक आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी राजकुमार वर्मा, एएसटीओ अनिल सोनी, एएसटीओ सुरेश कुमार, बालकृष्ण और भाग ¨सह की टीम ने ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाया था । इन लोगों द्वारा उपमंडल की अलग-अलग जगहों पर दिन-रात की गई चे¨कग में ऐसे वाहन इन के हत्थे चढ़े थे जिनमें व्यापारियों ने अपने सामान की खरीद व बेचने के ई-वे बिल नहीं भरे थे। यहां तक कि ट्रांसपोर्टर ने भी अपने टैक्स अदा नहीं किया हुआ था। इन्हीं खामियों के चलते अधिकारियों ने व्यापारियों के ऊपर यह पेनल्टी लगाई है। अधिकारियों का कहना है व्यापारियों को बार-बार बताया जा चुका है कि वे 50,000 रुपये के ऊपर के माल की मूवमेंट बिना ई-वे बिल के न करें। दुकानदारी के लिए 50,000 रुपये से ऊपर का माल वाहन में होने पर उसका ई-वे बिल भरा जाना आवश्यक है। बड़ी बात है सरकार ने ई-वे बिल भरने की प्रक्रिया को काफी सरल कर दिया है। बावजूद कई व्यापारी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।

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