मैड़ी में बुरी आत्मा से छुटकारा मिलने की मान्यता

संवाद सहयोगी, मैड़ी : सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा बड़भाग सिंह मैड़ी में आयोजित होला मोहल्ला मेले को बु

By Edited By: Publish:Wed, 04 Mar 2015 12:17 AM (IST) Updated:Wed, 04 Mar 2015 12:17 AM (IST)
मैड़ी में बुरी आत्मा से छुटकारा मिलने की मान्यता

संवाद सहयोगी, मैड़ी : सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा बड़भाग सिंह मैड़ी में आयोजित होला मोहल्ला मेले को बुरी आत्माओं से छुटकारा दिलाने वाला मेला भी कहा जाता है। बेशक आज के वैज्ञानिक युग में भूत-प्रेत की बातों को झुठलाया जाता है। लेकिन सच्चाई यह भी है कि होला मोहल्ला मेले में हजारों की तादाद में श्रद्धालु बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए ही यहां आते हैं। होला मोहल्ला मेले को मानसिक रोगियों का महाकुंभ भी कहा जाता है। इस मेले के साथ ऐसी कई मान्यताएं जुड़ी हैं, जो अपने आप में अनोखी व रोमांचित करने वाली भी हैं।

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डोली में दिया जाता है मानसिक रोगों से छुटकारा

होला मोहल्ला मेले में मानसिक रोगों से छुटकारा पाने के लिए आने वाले लोगों को डोली में बिठाया जाता है। इनका उपचार करने वाले व्यक्ति को मसंद कहा जाता है। मसंद मानसिक तौर से परेशान लोगों को डोली में बिठाकर बुरी आत्माओं से चले जाने का आह्वान करता है। इसके बाद मानसिक रोगियों को पवित्र चरण गंगा में स्नान करवाया जाता है। मान्यता है कि यहां स्नान करने के बाद दोबारा बुरी आत्माएं शरीर में प्रवेश नहीं करती।

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आम का पौधा लगाने की मान्यता

होला मोहल्ला मेले के दौरान दर्शनी खड्ड में आम का पौधा लगाने की भी मान्यता है। मान्यता है कि होला मोहल्ला मेले के दौरान यहां आम का पौधा लगाने से वंश वृद्धि होती है। कई लोग बेटे की आस में यहां आम का पौधा लगाते हैं। इन दिनों आम के पौधे बेचने वालों का भी यहां अच्छा-खासा कारोबार हो रहा है। सच्चाई यह भी है कि एक ही आम का पौधा एक ही दिन में कई-कई बार उखाड़ा व लगाया जा रहा है।

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पत्थर के घर बनाने की मान्यता

होला मोहल्ला मेले के दौरान दर्शनी खड्ड में पत्थर के मकान बनाने की मान्यता भी है। पत्थर के मकान बनाने से व्यक्ति की अपना घर बनाने की मनोकामना पूरी होती है। दूर-दूर से आए श्रद्धालु आज भी इस मान्यता पर विश्वास करते हैं।

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निशान साहिब के कपड़े का टुकड़ा लेने की मान्यता

होला मोहल्ला मेले में आए हजारों श्रद्धालु यहां स्थित धार्मिक स्थानों में अदा होने वाली निशान साहिब चढ़ाने की रस्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। निशान साहिब चढ़ाने की रस्म होली के दिन अदा की जाएगी। इस दिन निशान साहिब पर चढ़ा पुराना चोला उतार दिया जाएगा और नया चोला चढ़ाया जाएगा। मान्यता है कि पुराने निशान साहिब के चोले का टुकड़ा घर में रखने पर बुरी आत्माओं का साया घर पर नहीं पड़ता।

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पवित्र पंजा प्रसाद हासिल करने की मान्यता

होला मोहल्ला मेले के दौरान वितरित होने वाले पवित्र पंजा प्रसाद को ग्रहण करने की खास मान्यता है। पवित्र पंजा प्रसाद पर स्वयं बावा बड़भाग सिंह जी अपने पंजे का निशान लगाते हैं। इस बार पवित्र पंजा प्रसाद सात और आठ मार्च की मध्य रात्रि वितरित होगा। इसे पाने के लिए श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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