लोक निर्माण विभाग ने हटाया अवैध कब्जा

जाड़ला पंचायत में निजी प्लाट के लिए सरकारी जमीन से निकाले गए रास्ते व अवैध गेट को लोक निर्माण विभाग ने हटा दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Jan 2022 07:41 PM (IST) Updated:Sat, 29 Jan 2022 07:41 PM (IST)
लोक निर्माण विभाग ने हटाया अवैध कब्जा
लोक निर्माण विभाग ने हटाया अवैध कब्जा

संवाद सूत्र, सुबाथू : जाड़ला पंचायत में निजी प्लाट के लिए सरकारी जमीन से निकाले गए रास्ते व अवैध कब्जे के मामले में लोक निर्माण विभाग ने कब्जे को हटा दिया है। बीते दिन सरकारी भूमि पर अवैध रूप से लगे गेट की खबर प्रकाशित होने के बाद लोक निर्माण विभाग हरकत में आया। कनिष्ठ अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि शनिवार को पंचायत के उपप्रधान हेमंत ने खुद अवैध कब्जे को गिराया है। हालांकि अभी तक राजस्व विभाग शामलात भूमि में अवैध रास्ते को बंद करने में नाकाम साबित हुआ है। शिकायतकर्ता के अनुसार अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव डालकर निजी लाभ के लिए यह रास्ता निकाला गया है। इस बारे संबंधित पटवारी जितेंद्र ने बताया कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन एप के माध्यम से इस मामले की छानबीन करने के आदेश मिले हैं, जिसमें मौके से गेट हटाया जा चुका है। सरकारी भूमि पर रास्ते को लेकर रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी जाएगी। वन विभाग कार्यालय से सौ मीटर दूरी पर गिरा दिया पेड़

संवाद सूत्र, कंडाघाट : चायल बस स्टैंड के समीप ठंडी सड़क पर शातिरों ने शुक्रवार देर रात एक देवदार का पेड़ गिरा दिया। वन्य जीव प्राणी विभाग के कार्यालय से 50 मीटर और वन विभाग के कार्यालय से सौ मीटर की दूरी पर यह पेड़ गिराया गया। चायल बाजार रिजर्व फारेस्ट है और यहां पर पेड़ काटना कानूनी अपराध है, लेकिन यहां पर कई बार इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। इस पेड़ के गिरने से ठंडी सड़क को भी नुकसान पहुंचा है और जल शक्ति विभाग की पाइपलाइन भी टूट गई है, जिसके कारण चायल बाजार की पीने के पानी की सप्लाई भी बाधित हुई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस पेड़ को जेसीबी से गिराया गया है।

वन परिक्षेत्र अधिकारी चायल अनिल ठाकुर ने बताया यह पेड़ गिरा हुआ है। अगर किसी की शिकायत आती है तो पुलिस में मामला दर्ज करवाया जाएगा। इस जगह की जांच की जा रही है कि यह जगह वन विभाग की है या वन्य जीव प्राणी विभाग की। देवदार के पेड़ गिरने से जल शक्ति विभाग चायल की पाइपलाइन टूट गई है।

chat bot
आपका साथी