साधु पुल का नहीं निकला विकल्प

रविंद्र पंवर, सोलन पर्यटन स्थल चायल को शेष दुनिया से जोड़ने वाले 110 वर्ष पुराने साधु पुल के टूटने

By Edited By: Publish:Wed, 26 Nov 2014 08:55 PM (IST) Updated:Wed, 26 Nov 2014 08:55 PM (IST)
साधु पुल का नहीं निकला विकल्प

रविंद्र पंवर, सोलन

पर्यटन स्थल चायल को शेष दुनिया से जोड़ने वाले 110 वर्ष पुराने साधु पुल के टूटने के बाद आज तक इसका विकल्प नहीं निकल सका है। इस कारण अन्य राज्यों से आने वाले सैलानियों और उस ओर रहने वाले लोगों को आने-जाने के लिए खतरा उठाकर अश्रि्वनी खड्ड के हिचकोले खाने पड़ रहे हैं। महाराजा पटियाला के समय की सैरगाह चायल व इस पहाड़ी के साथ लगते अन्य क्षेत्रों को कंडाघाट-सोलन से जोड़ने के लिए साधु पुल मुख्य मार्ग है, जिसके बीच से गुजरती अश्विनी खड्ड को पार करने के लिए यहां अंग्रेजी शासनकाल के दौरान 1904 का बना लोहे का पुल था। एक सदी से भी पुराना यह पुल लंबे समय से क्षमता से अधिक भार सहते हुए 23 अगस्त को सेब से लदे ट्रक को उस पार पहुंचाते हुए ध्वस्त हो गया।

तीन महीने बाद भी तमाम दावों व दलीलों के बावजूद सरकारी मशीनरी इस पुल का विकल्प नहीं निकाल पाई। पुल टूटने के बाद स्थानीय मंत्री सहित विभाग के वरिष्ठतम अधिकारियों तक ने मौके का दौरा कर यहां जल्द ही बैली ब्रिज बनाकर यातायात को सुचारू करने के दावे किए थे लेकिन प्रशासन द्वारा दी गई वैकल्पिक व्यवस्था भी नाकाम हो गई। अब लोगों को चायल पहुंचने के लिए खड्ड के पानी से गुजरकर या फिर डेढ़-दो किमी घूमकर पार जाना पड़ रहा है।

पुल टूटने के बाद आनन-फानन में बैली ब्रिज का सामान भी लाकर साधु पुल में रख दिया गया, लेकिन कार्य आज तक शुरू नहीं हुआ है।

कंकरीट पुल का प्रस्ताव

पुल की जगह बैली ब्रिज का निर्माण करना विभाग को महंगा व घाटे का सौदा जान पड़ रहा है, इसलिए अब यहां कंकरीट पुल के निर्माण का प्रस्ताव बना है। बताया जाता है कि बैली ब्रिज के लिए अधिक कुशल व तकनीकी कर्मचारियों के साथ धन भी अधिक खर्च होगा और इसकी भार सहने की क्षमता भी तय होगी। लोक निर्माण विभाग कंडाघाट के एसडीओ विजय चौहान कहते हैं कि पूरा मसौदा बनाकर उच्च स्तर तक भेजा गया है, दो-तीन दिन में स्वीकृति की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री के दौरे से आस

पर्यटन नगरी चायल के लोगों व होटल व्यवसायी सहित अन्य कारोबारियों को अब मुख्यमंत्री दौरे से ही आस है कि वही समस्या का स्थायी हल दे सकते हैं, क्योंकि पुल के टूटने से प्रत्येक वर्ग प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री 30 नवंबर को चायल में नागरिक अस्पताल का उद्घाटन करने आ रहे हैं, जिस अवसर पर स्थानीय लोग उनके मुंह से साधु पुल में नए पुल को लेकर बड़ी घोषणा की उम्मीद में हैं।

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