प्रकृति ने पहाड़ी प्रदेश को दी कई नेमतें : वीरभद्र

By Edited By: Publish:Fri, 25 Jul 2014 01:21 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jul 2014 01:21 AM (IST)
प्रकृति ने पहाड़ी प्रदेश को दी कई नेमतें : वीरभद्र

जागरण संवाददाता, क्वारग (सोलन) : 'वन ही जीवन है .. पेड़-पौधे हमें केवल ऑक्सीजन ही नहीं देते, बल्कि इन्हीं से वर्षा होती है, पहाड़ों में जल भी इन्हीं के कारण मिलता है और मनुष्य, पशु-पक्षी की दिनचर्या की पूर्ति भी इन्हीं से होती है। प्रकृति ने इस प्रदेश को कई नेमतें दे रखी हैं। यदि हम आज इनका संरक्षण नहीं करेंगे तो परिणाम आने वाली पीढि़यां भुगतेंगी। इसलिए हमारा कर्तव्य है कि सब मिलकर वनों की रक्षा करें।' यह बात मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह शुक्रवार को सोलन जिला की कंडाघाट तहसील की क्वारग पंचायत में राज्यस्तरीय वन महोत्सव की शुरुआत के बाद आयोजित जनसभा में कही। उन्होंने क्वारग पंचायत में अनार का पौधा लगाकर पौधरोपण कार्यक्रम का शुभारंभ किया और लोगों से पर्यावरण संरक्षण के इस पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर आगे आने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाधी ने ही उन्हें प्रदेश की वन संपदा के सरंक्षण की जिम्मेदारी दी थी, क्योंकि उस समय प्रदेश में 'वन माफिया' काफी सक्रिया था। उस समय सेब की पैकिंग के लिए प्रति वर्ष आधिकारिक तौर पर लगभग 95 हजार पेड़ों का कटान होता था, जबकि हजारों पेड़ अनाधिकृत तौर से काट लिए जाते थे। लोगों ने आरा मशीनों को जंगलों में लगा दिया था, लेकिन उन्होंने इस पर अंकुश लगाया और सेब के लिए गत्ते की पेटियां शुरू कीं। कइयों ने विरोध किया और आज उसी निर्णय के कारण हर वर्ष कटने वाले लाखों पेड़ बच गए।

स्थानीय ग्राम पंचायत की माग पर मुख्यमंत्री ने राजकीय उच्च पाठशाला कोटला को स्तरोन्नत करके जमा दो करने तथा राजकीय माध्यमिक पाठशाला पपलोल, बाशा, करोग, टिक्करी तथा जथाणा को मिडल से हाई स्कूल करने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने कंडाघाट-क्वारग-सैंज मार्ग को पक्का करने और लोगों की सुविधा के लिए बस सेवा आरंभ करने की भी बात कही। साथ ही कहा कि यदि इस रूट पर निजी आपरेटर बसों के चलाने के इच्छुक हों तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर लाइसेंस दिए जाएंगे। सीएम ने डीडीएल फैक्टरी को चैड़ा से जोड़ने के लिए अश्रि्वनी खड्ड पर पुल के निर्माण की भी घोषणा की, जबकि स्थानीय स्कूल के बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए 15 हजार रुपये देने को कहा। इस दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले वन विभाग एवं निगम के कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया।

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कच्ची सड़क पर 10 किलोमीटर सफर

राज्य स्तरीय वन महोत्सव में शामिल होने के लिए लोगों को कंडाघाट से लेकर क्वारग तक की 10 किलोमीटर कच्ची सड़क का दलदली सफर तय करना पड़ा। शुक्रवार रात को काफी बारिश होने के बाद वीरवार को भी हल्की बारिश थी, जिस कारण यह कच्ची सड़क पूरी तरह खराब हो गई थी। कई जगह तो सड़क के बीच पानी और मिट्टी दलदल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी। पौधरोपण के बाद जनसभा स्थल तक पहुंचने में लोगों को और परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां सड़क पर जाम लग गया था। सड़क तंग होने के कारण आयोजन स्थल से पहले ही एक-डेढ़ किलोमीटर तक गाड़ियों की कतारें लग गई, जिसमें दर्जनों छोटी गाड़ियों सहित बसें भी फंस गईं।

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