डेंटल कॉलेज में एक्सरे मशीन सात महीने से खराब

जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल डेंटल कॉलेज एवं अस्पताल में दंत रोगियों को आजकल सुविधा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Feb 2018 03:01 AM (IST) Updated:Sat, 17 Feb 2018 03:01 AM (IST)
डेंटल कॉलेज में एक्सरे मशीन सात महीने से खराब
डेंटल कॉलेज में एक्सरे मशीन सात महीने से खराब

जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल डेंटल कॉलेज एवं अस्पताल में दंत रोगियों को आजकल सुविधा कम और दुविधा ज्यादा हो रही है। असल में यहां जांच करवाने आने वाले दंत रोगियों को जरूरत पड़ने पर एक्सरे निजी लैब से करवाने पड़ रहे हैं क्योंकि ओपीजी लेदरल और डिजीटल एक्सरे वाली दो जरूरी मशीनें पिछले सात-आठ महीनों से खराब हैं।

शोघी से टूटा दांत लगवाने अस्पताल में आए एक मरीज ने बताया कि मुझे दांत इंप्लांट करवाने की सलाह दी गई। इसके लिए मुंह का ओपीजी एक्सरे करवा उसकी रिपोर्ट लाने को कहा गया। पूछने पर मुझे बताया गया कि संजौली में एक्सरे हो जाएगा। एक्सरे इस अस्पताल में सौ रुपए में हो सकता था लेकिन संजौली में मुझे 800 रुपये खर्च करने पड़े। डेंटल अस्पताल से संजौली आने-जाने की परेशानी हुई, वो अलग। उसने आरोप लगाया कि हो सकता है, वहां से इस सरकारी अस्पताल के अधिकारियों को कमीशन मिलता हो।

प्रतिदिन करीब तीन सौ दंत रोगियों के आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) वाले इस अस्पताल में मरीजों के ओपीजी व डिजीटल एक्सरे की जरूरत पड़ती है। इस अस्पताल में केवल मेन्यूल एक्सरे की ही सुविधा है, ऐसे में ओपीजी व डिजिटल एक्सरे के लिए बाहर जाना पड़ता है। किसी ट्रामा केस व इम्पलांट बगैरह के लिए पूरे मुंह के ओपीजी लेदरल एक्सरे की जरूरत पड़ती है जबकि डिजिटल एक्सरे मुंह के किसी खास हिस्से के लिए करवाया जाता है।

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दोनों एक्सरे मशीनें पंद्रह साल पुरानी हैं। कुछ महीने पहले इन मशीनों के खराब होने पर इन्हें ठीक करवाने का प्रयास किया गया। कंपनी ने भी मशीनों को ठीक करने की पूरी कोशिश की लेकिन उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। अब नई मशीनें खरीदने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए टेंडर आमंत्रित कर मशीनें लगने में कम से कम दो से ढाई महीने लग सकते हैं। इस बीच जरूरत पड़ने पर एक्सरे करवाने के लिए किसी रोगी को किसी विशेष दुकान पर नहीं भेजा जा रहा।

-डॉ. आरपी लूथरा, प्रिंसिपल, हिमाचल प्रदेश डेंटल कॉलेज एवं अस्पताल ।

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