भटके युवाओं को दिखा रहे जीवन जीने की राह

जागरण संवाददाता, शिमला : युवा पीढ़ी में फैशन और स्टाइल मारने के लिए शराब और सिगरेट पीना

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 04:42 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 04:42 PM (IST)
भटके युवाओं को दिखा रहे जीवन जीने की राह
भटके युवाओं को दिखा रहे जीवन जीने की राह

जागरण संवाददाता, शिमला : युवा पीढ़ी में फैशन और स्टाइल मारने के लिए शराब और सिगरेट पीना शुरू करती है, लेकिन बाद में यह रोग बन जाता है। कभी कभी पारिवारिक समस्याएं भी कमजोर दिमाग और दिल वाले को इस ओर धकेल देती है। इन्हीं भटके व नशे के मकड़जाल में फंस चुके युवाओं को जिला शिमला के घणाहट्टी की अकांक्षा गुप्ता नया जीवन जीने की राह दिखा रही हैं। वह पंकज शर्मा के साथ शिमला में हिमलैंड के समीप तपस साइकोलॉजिकल सेंटर चला रही हैं। इसमें योग के माध्यम से नशे के मकड़जाल में फंसे युवाओं को मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। तपस साइकोलॉजिकल सेंटर के माध्यम से वह अब तक लगभग 100 युवाओं का जीवन संवार चुके हैं।

उन्होंने बताया कि सेंटर में ड्रग, शराब, इंटरनेट आदि की लत, व्यवसाय-करियर काउंसिलिंग, पारिवारिक परामर्श सेवा (बच्चों के साथ), किशोरावस्था में होने वाली समस्याएं, शिक्षा परामर्श, संबंध परामर्श, वैवाहिक परामर्श, शादीशुदा जोड़े का परामर्श, तनाव प्रबंधन, क्रोध प्रबंधन, भय पर काबू पाने, चिंता, डिप्रेशन आदि की काउंसिलिंग करती हैं। उनके पास हिमाचल से ही नहीं दिल्ली, चंडीगढ़ व पंजाब इत्यादि से भी लोग आते हैं। कुछ लोग आने में हिचकिचाहट महसूस करते उनके साथ फोन व वीडियो कॉल से काउंसिलिंग की जाती है।

अकांक्षा गुप्ता की पढ़ाई टुटू के डीएवी स्कूल से हुई है, उसके बाद स्नातक डिग्री सेंट बीड्स कालेज से की। एमए साइकोलॉजी में, पीजी डिप्लोमा क्लीनिकल साइकोलॉजी व पीजी गाइडेंस एंड काउंसलिंग में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से की है। जबकि पंकज शर्मा ने एमफिल साइकोलॉजी एवं डिप्लोमा इन योग किया है। साइकोलॉजिकल सेंटर खोलने से पहले चंडीगढ़ में इंटरनशिप पर्सनेलिटी डेवेलपमेंट, आइक्यू टेस्टिंग, डेवेलपमेंट टेस्ट, ड्रग एडिक्शन पर की है।

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