नशे पर नकेल: हिमाचल की पहल पर उत्तर भारत के राज्यों के पुलिस अधिकारी साझा कर रहे सूचनाएं

Strict on intoxicate. हिमाचल को नशे के कारोबार से जुड़े तस्करों के बारे में खुफिया सूचनाएं पहले से अधिक प्राप्त हो रही हैं। इनके आधार पर कई मामलों में त्वरित कार्रवाई भी हुई है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Wed, 18 Dec 2019 07:37 PM (IST) Updated:Wed, 18 Dec 2019 07:37 PM (IST)
नशे पर नकेल: हिमाचल की पहल पर उत्तर भारत के राज्यों के पुलिस अधिकारी साझा कर रहे सूचनाएं
नशे पर नकेल: हिमाचल की पहल पर उत्तर भारत के राज्यों के पुलिस अधिकारी साझा कर रहे सूचनाएं

शिमला, रमेश सिंगटा। एक अकेला क्या कर लेगा...। वही अंगुली वाली बात। पंजाब उड़ता पंजाब बन गया, हिमाचल लगभग उड़ान भरने की तैयारी में है...। उत्तराखंड पहले ही पहाड़ पर है...। अंगुलियां हारीं तो मुट्ठी का विचार आया। ताकत अधिक होती है। इसलिए असर भी दिख रहा है। पहाड़ी राज्यों का मॉडल हिमाचल नशे से बचा रहे, इस मंशा से पुलिस अधिकारियों की अंतरराज्यीय बैठकें हो रही हैं। इससे समन्वय से सूचना और सूचना से सजा तक का रास्ता आसान होने की उम्मीद बंधी है। पाया गया है कि अब सूचनाएं अधिक साझा की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पहल पर उत्तर भारत के राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समन्वय बैठक की थी। अब इन राज्यों की डीजीपी के स्तर पर लगातार बैठकें हो रही हैं। एक साल के अंदर तीसरी बैठक हुई है। इनसे प्रदेश को नशे के कारोबार से जुड़े तस्करों के बारे में खुफिया सूचनाएं पहले से अधिक प्राप्त हो रही हैं। इनके आधार पर कई मामलों में त्वरित कार्रवाई भी हुई है। पहली जनवरी 2018 से 31 जुलाई 2019 तक एनडीपीएस के तहत 595 मामलों में फैसला आया है। 278 केसों में दोषियों को सजा सुनाई गई है। राज्य पुलिस का दावा है कि वह हिमाचल को उड़ता पंजाब बनाने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। शिक्षण संस्थानों में नशे के खिलाफ पाठ पढ़ाया जा रहा है।

विधेयक को साल से केंद्र की मंजूरी का इंतजार

प्रदेश हाईकोर्ट राज्य सरकार को कई बार निर्देश जारी करता रहा है। इनमें कहा गया कि अगर नशा रोकने के लिए प्रभावी अभियान न चलाए तो सामाजिक ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो जाएगा। कोर्ट ने तो यहां तक टिप्पणी कर रखी है कि केंद्र को इसके खिलाफ मृत्यु दंड का प्रावधान करना चाहिए। पड़ोसी राज्य पंजाब के मुख्यमंत्री अमङ्क्षरदर सिंह तस्करों को मौत की सजा देने की पैरवी करते आए हैं। हिमाचल ने एनडीपीएस एक्ट में और सख्त प्रावधान जोड़े। चरस की छोटी मात्रा को भी गैरजमानती बनाया, लेकिन एक साल से विधेयक केंद्र की मंजूरी के लिए लंबित है।

पाकिस्तान, अफगानिस्तान व ईरान से आ रहा नशा

पुलिस के मुताबिक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान में पैदा नशा भारत के युवाओं की जिंदगी तबाह कर रहा है। भारत में हेरोइन का नशा इन्हीं तीन देशों से आ रहा है। डीजीपी एसआर मरडी ने इसकी पुष्टि की है। चिट्टा भी हेरोइन का ही रूप है। यह क्रॉस बॉर्डर, दुबई, नेपाल के रास्ते भारत में पहुंचता है। हिमाचल में भी अब काफी मात्रा में हेरोइन और चिट्टा पकड़ा जा रहा है।

सजा की दर 46.72 फीसद

पहली जनवरी 2018 से 31 जुलाई 2019 के आंकड़ों के अनुसार एनडीपीएस एक्ट के तहत पकड़े गए आरोपितों की सजा दर 46.72 फीसद रही है। 595 मामलों में फैसला आया, जिसमें 278 को सजा हुई।

एनडीपीएस के कब कितने मामले पकड़े

वर्ष,केस

2014,644

2015,622

2016,929

2017,1010

2018,1342

2019,1282

(इस वर्ष के आंकड़े 30 नवंबर तक।)

पांच साल में हुई कार्रवाई व सजा दर

वर्ष, भारतीय, विदेशी, सजा दर

2013,592,91,24.4 फीसद

2014,740,15,26.4

2015,723,06,42

2016,1079,06,58

2017,1205,16,60

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