हिमाचल बुजुर्गों के सहारे सहेजेगा बर्फ

देशभर में इस अनूठे कान्सेप्ट पर कार्य आरंभ हो गया है। इस संबंध में राज्य सरकार बुजुर्गो की मदद से प्रोजेक्ट तैयार कर रही है।

By Edited By: Publish:Sun, 03 Jun 2018 06:44 PM (IST) Updated:Mon, 04 Jun 2018 02:22 PM (IST)
हिमाचल बुजुर्गों के सहारे सहेजेगा बर्फ
हिमाचल बुजुर्गों के सहारे सहेजेगा बर्फ

शिमला, रमेश सिंगटा। वर्षा जल संग्रहण की बात तो आपने सुनी होगी लेकिन अब हिमाचल में स्नो हार्वेस्टिंग (बर्फ संग्रहण) की भी तैयारी चल रही है। सुनने में जरूर अटपटा लगे लेकिन बुजुर्गो के सहारे प्रदेश सरकार इस तरह के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। विश्वभर में आ रहे जलवायु परिवर्तन से चिंतित राज्य सरकार ने नया कान्सेप्ट विकसित किया है। इसमें बर्फ के ग्लेशियरों को चोटी पर ही पिघलने से रोका जाएगा। बर्फबारी के दिनों में सभी पर्वतीय क्षेत्रों में भी इस प्रयोग को आजमाया जाएगा।

देशभर में इस अनूठे कान्सेप्ट पर कार्य आरंभ हो गया है। इस संबंध में राज्य सरकार बुजुर्गो की मदद से प्रोजेक्ट तैयार कर रही है। इसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। दूर की सोच पर कार्य रही सरकार वैज्ञानिकों के लिए बड़ी लकीर खींचेगी। प्रारंभिक खाके से ही वैज्ञानिक भी अचंभित हैं। इस कान्सेप्ट को सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सामने रख चुके हैं। राष्ट्रीय स्तर के एक अहम आयोजन में देश भर के वैज्ञानिक मौजूद थे। उन्होंने भी हिमाचल की सोच पर उत्सुकता जाहिर की।  

थमेगा हिमस्खलन स्नो हार्वेस्िटग कैसे होगी, इसके लिए पूरा प्रोजेक्ट तैयार होगा। इसके माध्यम से हिमस्खलन नहीं होगा। पर्यावरण के साथ मित्रता कायम की जाएगी। बुजुर्गो के पास मौजूद ज्ञान और तजुर्बे का लाभ उठाया जाएगा। यही प्रोजेक्ट के असल वैज्ञानिक होंगे। स्नो हार्वेस्िटग के कारण बर्फ का पानी व्यर्थ नहीं जाएगी। धरती के पेट में धीरे- धीरे रिसेगा। इससे धरती को नया जीवनदान मिलता है।

हमारे कान्सेप्ट से वैज्ञानिक भी हैरान हैं। देश में पहली बार स्नो हार्वेस्टिंग होगा। बर्फ के बारे में बुजुर्गो के पास ज्ञान का बड़ा खजाना है। हम उनसे सीखेंगे। उनकी मदद से प्रोजेक्ट तैयार होगा। यह सरकार के एजेंडे में शामिल है। -महेंद्र सिंह ठाकुर, आइपीएच मंत्री

जल संकट होगा दूर इससे जल संकट भी दूर होगा। भू-जल स्तर में सुधार होगा। एक सर्वे के मुताबिक भू-जल स्तर गिरने से देश में 50 लाख से ज्यादा जल स्रोत सूख गए हैं। हार्वेस्टिंग से हिमाचल के स्रोत रिचार्ज होंगे। प्रदेश भी इस बार भयंकर सूखे की चपेट में हैं। यहां जल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। सरकार ने अल्पकालीन के साथ- साथ दीर्घकालीन उपायों पर भी फोकस कर दिया है।

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