गृह विभाग को सौंपा छात्रवृत्ति घोटाले की प्राथमिकी का रिकॉर्ड

पुलिस ने छात्रवृत्ति घोटाले की प्राथमिकी से जुड़ा रिकॉर्ड गृह विभाग को सौंप दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 08:23 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 08:23 PM (IST)
गृह विभाग को सौंपा छात्रवृत्ति घोटाले की प्राथमिकी का रिकॉर्ड
गृह विभाग को सौंपा छात्रवृत्ति घोटाले की प्राथमिकी का रिकॉर्ड

राज्य ब्यूरो, शिमला : पुलिस ने छात्रवृत्ति घोटाले की प्राथमिकी से जुड़ा रिकॉर्ड गृह विभाग को सौंप दिया है। अब फाइल सीबीआइ के पास भेजी जाएगी। राज्य सरकार पहले ही केंद्रीय जांच एजेंसी से इस मामले की तफ्तीश करवाने की सिफारिश कर चुकी है।

छात्रवृत्ति घोटाले का मामला तकनीकी पहलुओं में उलझा हुआ था। शिमला के छोटा शिमला में एफआइआर दर्ज होने के बाद यह उलझन दूर हो गई थी। अब इस संबंध में सरकार सीबीआइ को पूरा रिकॉर्ड मुहैया करवाएगी। इसमें दिल्ली से भेजा गया परफॉर्मा भी शामिल है। घोटाले की जांच में पता चला है कि छात्रवृत्ति की कुल रकम का करीब 80 फीसद बजट मात्र 11 फीसद निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को दिया गया है। वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक 924 निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को 210.05 करोड़ और 18682 सरकारी संस्थानों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के मात्र 56.35 करोड़ रुपये दिए गए हैं। आरोप है कि इन संस्थानों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति की मोटी रकम डकारी है। जनजातीय क्षेत्रों के विद्यार्थियों को कई साल तक छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई। ऐसे ही एक छात्र की शिकायत पर इस फर्जीवाड़े से पर्दा उठा है। शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के तौर पर विद्यार्थियों को 266.32 करोड़ रुपये दिए गए है। इनमें गड़बड़ी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में हुई है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में 260 करोड़ 31 लाख 31,715 रुपये दिए गए हैं। छात्रवृत्ति की जो राशि प्रदेश के विद्यार्थियों को मिलनी थी, उसे देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों में गलत तरीके से बांटे जाने का आरोप है।

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