मीनस पुल से फेडिजपुल तक सफर नहीं सुहावना

दर्जनों हादसों में सैंकड़ों लोगों की जान जाने के बावजूद भी एनएच 707 पर मीनस पुल से फेडिजपुल तक 1

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 06:28 PM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 06:28 PM (IST)
मीनस पुल से फेडिजपुल तक सफर नहीं सुहावना
मीनस पुल से फेडिजपुल तक सफर नहीं सुहावना

संवाद सूत्र, नेरवा : कई हादसों में सैकड़ों लोगों की जान जाने के बावजूद भी एनएच 707 पर मीनस पुल से फेडिजपुल तक 18 किलोमीटर सड़क पर पैरापिट नहीं लग पाए हैं। यही नहीं इस सड़क का मेटलिग का कार्य भी शुरू से ही विवादों में रहा है। पांवटा से फेडिजपुल तक 108 किलोमीटर इस मार्ग की मेटलिग का कार्य दो चरणों में किया जाना था, जिसका पहला चरण करीब 50 किलोमीटर पांवटा से बोराड खड्ड तक पूरा हो चुका है, लेकिन बोराड खड्ड से फेडिजपुल तक 12 करोड़ की लगत से होने वाले करीब 58 किलोमीटर मार्ग का मेटलिग कार्य शुरू से ही विवादों में रहा है। इस कार्य में विभाग की भी कथित मिलीभगत के आरोप लगते आए हैं व लोगों ने कई बार प्रदर्शन भी किए। इस कार्य के पहले टेंडर 2013 में लगे थे, लेकिन ठेकेदार द्वारा कार्य शुरू न करने पर 2015 में यह टेंडर रद कर दिए गए। इस बीच पहली कंपनी के अदालत चले जाने पर यह कार्य एक साल तक फिर लटक गया। 2016 दोबारा टेंडर लगा कर यह कार्य दूसरी कंपनी ने ले लिया। इस कंपनी ने अंतरवली तक करीब 50 किलोमीटर सड़क की मेटलिग कर कार्य को यहीं बंद कर दिया है। लिहाजा यह कार्य एक बार फिर से लटक गया है। कंपनी द्वारा जो कार्य किया गया है उसमें भी पूरी सड़क में गड्ढे ही गड्ढे पड़ चुके हैं।

कुछ वर्षो में इस मार्ग पर कई हादसे हो चुके हैं। 19 अप्रैल 2017 को गुम्मा के नजदीक सबसे बड़ा हादसा पेश आया था। इस हादसे में विकासनगर की एक निजी बस टौंस किनारे जा गिरी थी। इसमें एक परिवार के सभी छह सदस्यों सहित 45 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके महज दो माह बाद 29 जून को हुए जीप हादसे में सिरमौर के शिलाई क्षेत्र के एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा धार चांदना बस हादसे में 28, निजी बस हादसे में आठ, दो ट्रक हादसों में दो, कार हादसे में तीन, टेंपो हादसे में एक, बोलेरो कैंपर हादसे में तीन, एक अन्य कार हादसे में चार एवं कई अन्य छोटे बड़े हादसों में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। इतने हादसे होने पर भी बोराड खड्ड से फेडिजपुल तक सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। गुम्मा निजी बस हादसे को आज दो साल पुरे हो चुके हैं। परिजन 45 लोगों की दूसरी बरसी कर चुके है, लेकिन 58 किलोमीटर इस मार्ग पर आज तक न तो कोई क्रैश बैरियर लगा है न पैरापिट बनाए गए हैं। लोग अनियमितताओं की जांच की मांग उठा चुके हैं।

एक्सईएन लोक निर्माण विभाग केएस पाल ने कहा कि ये लोक निर्माण विभाग के आधीन नहीं आता है। एनएच अथॉरिटी के आधीन आता है। वहीं रख रखाव करेंगे और मेटलिंग करेगा।

--------

मीनस पुल से फेडिजपुल तक सड़क पर सुरक्षा के लिए पैरापिट, क्रैश बैरियर लगाने के लिए टेंडर हो गया है। चुनाव आदर्श आचार संहिता हटने के बाद जैसे ही टेंडर पास होगा पैरापिट व क्रैश बैरियर का कार्य शुरू हो जाएगा। इस सड़क की मेटलिग का कार्य करने वाले कांट्रेक्टर को नोटिस दिया गया है। वह एक-दो दिन में आ रहा है, काम सही न होने की वजह से उसकी पेमेंट भी रोक दी गई है।

-संजय अग्रवाल, एसडीओ, एनएच अथॉरिटी।

chat bot
आपका साथी