यलो लाइन पार्किंग के लिए पार्षद के पास करना होगा आवेदन
जागरण संवाददाता शिमला राजधानी शिमला में येलो लाइन की पार्किंग लेने के लिए नगर निगम के हा
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला में येलो लाइन की पार्किंग लेने के लिए नगर निगम के हाउस की मंजूरी के बाद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बैठक में लिए फैसले के लिखित में आते ही इसे शहर में लागू किया जाएगा। इसके तहत वाहन मालिक को यलो लाइन पार्किंग के लिए पार्षद के पास आवेदन करना होगा। आवेदन ज्यादा होने पर लाटरी सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। इसी तरह से यलो लाइन पार्किंग अलॉट होने के बाद नगर निगम के अधिकारियों की टीम मौके का दौरा करेगी. इसके बाद ही तय होगा कि पार्किंग अलॉट कर दी है।
आवंटन के बाद पार्किंग पर वाहन का नंबर या नंबर प्लेट अंकित की जाएगी। इस नंबर के अलावा दूसरा वाहन पार्क होने पर पुलिस को चालान करने या वाहन उठाने का अधिकार होगा। हालांकि नगर निगम के कुछ पार्षद इससे सहमत नहीं थे, उनका तर्क था कि वाहनों की सुरक्षा कैसे होगी। शहर में सड़क के किनारे खड़े वाहनों की चोरी होती है, साथ ही वाहनों को जलाने तक के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में लोगों के लाखों रुपये के वाहनों की सुरक्षा के लिए भी कदम उठाने चाहिए।
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4500 वाहनों को पार्क करने की होगी क्षमता
शहर में नगर निगम से लेकर लोक निर्माण विभाग की सड़कों के किनारे 4500 वाहन पार्क करने की क्षमता है। सड़कों के किनारे निगम ने पार्षदों की मदद से सड़कों के किनारें यलो लाइन लगा रखी है। इनमें वाहनों को सिस्टम से खड़ा करने का प्लान है। निगम का मानना है कि इससे सड़क किनारे वाहनों की क्षमता बढ़ेगी, साथ ही जाम से भी राहत मिलेगी।
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राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से अनुमति मांगी
नगर निगम ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से भी अनुमति मांगी है, यदि निगम को इसमें सफलता मिलती है तो शहर की सड़कों के किनारे ही 11500 से ज्यादा वाहन पार्क हो जाएंगे। इसके बाद आम लोगों को काफी राहत मिलेगी।
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निगम को आय कमाने का मिलेगा विकल्प
नगर निगम शिमला को आय कमाने का बेहतर विकल्प मिलेगा। निगम एक कार से महीना भर वाहन पार्क करने के एवज में 600 तो दोपहिया वाहन से 150 रुपये पार्किंग फीस के वसूलेगा। हर महीने निगम को लाखों रुपये की आय होने की उम्मीद इससे बंधी है।
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यलो लाइन पार्किंग के लिए जल्द प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए पार्षद के पास आवेदन करना होगा।
-अजीत भारद्वाज, संयुक्त आयुक्त, नगर निगम, शिमला।