अभिभावकों की सहमति के बिना टुअर नहीं भेज पाएंगे निजी स्कूल

राज्य ब्यूरो शिमला प्रदेश शिक्षा विभाग निजी स्कूलों पर शिकजा कसना शुरू कर दिया है। निजी स्कूल अब अपनी मनमर्जी से न तो टूअर का शुल्क वसूल पाएंगे और न ही टूअर या ट्रिप आयोजित कर पाएंगे। इसके लिए पहले निजी स्कूलों को पहले अभिभावकों की सहमती लेनी अनिवार्य होगी। इसे लेकर उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने मंगलवार को सभी निजी स्कूलों और निर्देश जारी किए है। निर्देशों में दो टूक शब्दों में कहा गया है। शिक्षा का अधिकारी अधिनियम 2009 व अधिनियम 1997 के तहत सभी निर्देशों की पालना करना स्कूल प्रबंधल प्रिसीपल मुख्यध्यापक की जिम्मेदारी होगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Mar 2019 08:53 PM (IST) Updated:Tue, 19 Mar 2019 08:53 PM (IST)
अभिभावकों की सहमति के बिना
टुअर नहीं भेज पाएंगे निजी स्कूल
अभिभावकों की सहमति के बिना टुअर नहीं भेज पाएंगे निजी स्कूल

राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। निजी स्कूल अब मनमर्जी से न तो टुअर का शुल्क वसूल पाएंगे और न ही टुअर या ट्रिप आयोजित कर पाएंगे। इसके लिए निजी स्कूलों को पहले अभिभावकों की सहमति लेनी अनिवार्य होगी। इस संबंध में उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने मंगलवार को सभी निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए है।

निर्देश के अनुसार शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 व अधिनियम 1997 के तहत सभी निर्देशों का पालन करना स्कूल प्रबंधन, प्रिंसिपल या मुख्यध्यापक की जिम्मेदारी होगी। यदि इनका पालन नहीं किया गया तो स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निजी स्कूलों को टुअर प्रोग्राम के संबंध में स्थानीय एसडीएम को भी बताना होगा। निजी स्कूल टुअर और ट्रिप के लिए बाध्य नहीं करेंगे। यह विद्यार्थियों की मर्जी होगी कि वे टुअर पर जाना चाहते हैं या नहीं। विद्यार्थियों के लिए स्कूल टुअर अनिवार्य नहीं होगा। टूअर पर जाने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा का पूरा जिम्मा स्कूल प्रबंधन का होगा। निजी स्कूलों को निर्देश देते हुए विभाग ने कहा है कि स्कूलों में पीटीए का गठन किया जाएगा। पीटीए में अभिभावकों में से दो तिहाई और शिक्षकों में से एक तिहाई सदस्य लिए जाएंगे। प्रदेश में ऐसे कई नामी स्कूल हैं जो टुअर और ट्रिप के नाम पर अभिभावकों से मोटी रकम वसूल रहे हैं। टुअर के नाम पर 40 से 50 हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं। विद्यार्थियों से टुअर का पैसा लेकर कई निजी स्कूलों के शिक्षक या प्रबंधन के बड़े पदाधिकारी मुफ्त में घूमने जाते हैं।

स्कूल की निधियां व फीस छात्र-छात्राओं को दी जा रही सुविधाओं और क्रियाकलापों के अनुरूप होनी चाहिए। यदि किसी निजी स्कूल के खिलाफ शिकायत मिलती है तो उसके खिलाफ तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा, निदेशक, उच्चतर शिक्षा निदेशालय

chat bot
आपका साथी