संक्रमण के डर से टेस्ट करवाने से दूरी बना रहे लोग
जिले में लोग कोरोना संक्रमण के डर से टेस्ट करवाने से परहेज करने लगे हैं। अब रोजाना 400 से 500 लोग ही टेस्ट करवाने के लिए आगे आ रहे हैं।
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जागरण संवाददाता, शिमला : जिले में लोग कोरोना संक्रमण के डर से टेस्ट करवाने से परहेज करने लगे हैं। जहां जिले में रोजाना 1500 से 1700 टेस्ट होते थे, वहीं टेस्ट अब घटकर 400 से 500 के बीच रह गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि लोगों में संक्रमण के प्रति डर बैठ गया है, इसलिए जिले भर के अस्पतालों में टेस्टिंग में कमी आई है। हालांकि शिमला जिले में दो महीनों से संक्रमण की दर में वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन शहरों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का प्रभाव जारी है।
जिले में रोजाना 10 से 15 लोग संक्रमण से पीड़ित पाए जा रहे हैं। जिला निगरानी अधिकारी डा. राकेश भारद्वाज का कहना है कि संक्रमण की दर का सही पता लगाने के लिए मरीजों के टेस्ट होना जरूरी है। देखा जा रहा है कि लोग टेस्ट करवाने से बच रहे हैं। लोगों को संक्रमण के खतरे के प्रति नियमित तौर पर जागरूक किया जा रहा है, इसके बावजूद लोग टेस्टिंग के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लक्षण नजर आने के बाद संक्रमण का पता शुरुआती स्टेज पर चल जाए तो उसे ठीक करना आसान रहता है और मरीज की जान पर खतरा नहीं बनता।
डा. राकेश भारद्वाज का कहना है कि पिछली दो लहरों में अधिकतर ऐसे लोगों की मौत हुई जोकि देर से अस्पताल पहुंचे जब संक्रमण को काबू में लाना मुश्किल हो गया। लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि संक्रमण के लक्षण नजर आने पर इसे नजरअंदाज न करें ताकि समय पर इलाज उपलब्ध हो सके और अधिक लोगों में संक्रमण फैलने की आशंका न रहे। उन्होंने लोगों से यह भी अपील की है कि त्योहारी सीजन में कोरोना नियमों का यथावत पालन करें और संक्रमण को रोकने में विभाग के सहयोगी बनें। त्योहारी सीजन से बढ़ सकते हैं मामले
जिले भर में इन दिनों त्योहारी सीजन चलने के दौरान जगह-जगह बाजारों में लोगों की भीड़ बढ़ रही है। शादियों का सीजन शुरू होने के कारण अधिक मात्रा में लोग इकट्ठे हो रहे हैं। हालांकि जिले में नौ लाख लोगों को कोविड वैक्सीन की डोज लग चुकी है लेकिन विभाग ने अभी भी एहतियात बरतने की सलाह दी है। ऐसे में लोगों का अधिक मिलना-जुलना बड़े खतरे को न्योता दे सकता है। रैट, आरटीपीसीअर और ट्रू नेट से हो रही जांच
जिले के क्षेत्रीय अस्पताल सहित स्वास्थ्य केंद्रों पर रैट, आरटीपीसीआर और ट्रू नेट के माध्यम से जांच हो रही है। आरटीपीसीआर के अलावा अन्य दो माध्यमों से 15 से 20 मिनट के भीतर रिजल्ट मिल जाता है। वहीं आरटीपीसीआर की रिपोर्ट भी दूसरे दिन उपलब्ध हो जाती है। वहीं टेस्ट की रिपोर्ट के लिए 1077 नंबर पर लोग संपर्क कर सकते हैं, ताकि उन्हें रिपोर्ट का स्टेटस पता लग सके।