एनपीए ने उड़ाई बैंकों की नींद

राज्य ब्यूरो शिमला हिमाचल प्रदेश के तीन सहकारी बैंकों में गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) 155

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Jun 2020 06:36 PM (IST) Updated:Tue, 16 Jun 2020 06:36 PM (IST)
एनपीए ने उड़ाई बैंकों की नींद
एनपीए ने उड़ाई बैंकों की नींद

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश के तीन सहकारी बैंकों में गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) 1550 करोड़ तक पहुंच गई है। इससे बैंकों की नींद उड़ गई हैं। जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित करने के लिए राज्य सहकारी बैंक ने कांग्रेस सरकार के समय में 300 करोड़ का कर्ज बांटा था। इसी तरह से कांगड़ा केंद्रीय बैंक ने व्यक्ति विशेष और कंपनियों को उद्योग लगाने के लिए 350 करोड़ पैसा दिया था।

यह राशि राज्य के दोनों बैंकों के लिए मुसीबत बन चुका है। शिमला स्थित सचिवालय में मंगलवार को सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केसीसी बैंक मामले में विजिलेंस केस की जांच मामले में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि इस मामले के दोषियों के खिलाफ जांच का कार्य शीघ्र पूरा करें। उन्होंने बैंकों के बढ़ते एनपीए को लेकर चिता जाहिर की। उनका कहना था कि एनपीए बढ़ना बैंक प्रबंधन की विफलता का परिचायक है। इस बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल, मुख्य सचिव अनिल खाची, प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, सचिव वित्त अक्षय सूद मौजूद थे। कांग्रेस पर आरोप है कि सत्ता में रहते 350 करोड़ बिना किसी ठोस आधार बांट दिए थे। किसी बैंक में कुल रकम का पांच फीसद एनपीए खतरे की निशानी होता है।

फाइलों में रिकवर हो रहे पैसे

2012 में कांग्रेस सरकार ने जल विद्युत परियोजनाओं में निवेश के दृष्टिगत 300 करोड़ रुपये बांटे थे, जो अब तक फाइलों में ही रिकवर हो रहे हैं। लोग बैंक का पैसा देने को तैयार नहीं है। हालत यह है कि राज्य में जल विद्युत क्षेत्र गंभीर संकट से गुजर रहा है।

हिमाचल के बैंक भी पीछे नहीं

एनपीए मामले में हिमाचल के बैंक भी पीछे नहीं हैं। पहले तो कर्ज उपयुक्त व्यक्ति व कंपनी को नहीं देते। राजनीतिक सिफारिशों के आधार पर तो कर्ज बांटा जाता है और उसके बाद कर्ज की रकम वापस नहीं आती है। राज्य के तीन बैंकों कांगड़ा सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक व जोगेंद्रा बैंक सोलन में कुल एनपीए 1548.94 करोड़ है। गैर निष्पादित संपत्ति के मामले करीब एक दशक पुराने हैं। बैंकों ने योजना के बिना कर्ज बांटा।

किस बैंक पर कितना एनपीए

बैंक, कुल एनपीए, रकम प्रतिशत

कांगड़ा केंद्रीय बैंक, 930 करोड़,22 फीसद

राज्य सहकारी बैंक,570 करोड़,7.51 फीसद

जोगेंद्रा सहकारी बैंक, 48.94 करोड़, 9 फीसद

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