तीन साल में एक भी दवा कंपनी नहीं की ब्लैकलिस्ट
प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर गुणवत्ता की दवाई मुहैया करवाने को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में स्थित कई फार्मा कंपनियों की दवाइयों के सैंपल एक-दो बार नहीं बल्कि चार बार भी फेल हो चुके हैं। लेकिन इन कंपनियों को सरकार ने ब्लैकलिस्ट नहीं किया है। सरकार दावा करती है कि जिन दवा उद्योगों की दवाई के सैंपल बार-बार फेल हो रहे हैं, उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।
हिमाचल में पिछले तीन वर्षो के दौरान अभी तक एक भी दवा कंपनी को ब्लैकलिस्ट नहीं किया गया है। यह जानकारी सरकार ने ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला के लिखित सवाल के जवाब में दी। हिमाचल प्रदेश में कंपनियों द्वारा बनाई जा रही दवाएं पिछले कुछ महीनों से मानकों पर खरा नहीं उतर रही हैं। इस वर्ष 65 से अधिक दवाओं के सैंपल फेल हो चुके हैं। हिमाचल ऐसा राज्य है जहां देश की 45 फीसद दवाएं बनती हैं। लेकिन लगातार फेल होते सैंपल पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सालभर में देशभर में 350 दवाओं में हिमाचल में बनी 100 से अधिक दवाओं के सैंपल फेल हो चुके हैं। प्रदेश में करीब 750 फार्मा उद्योग हैं।