डिग्री न डिप्लोमा, पदोन्नत कर बना दिए लैब अटेंडेंट

शिक्षा विभाग स्कूलों में पढ़ने वाली छात्रों की जान से खिलवाड़ कर रहा है। मतियाना स्कूल में पेश आया हादसा इसका ताजा उदाहरण है। स्कूलों में लैब अटैंडेंट को बिना किसी अनुभव के नियुक्ति दी जा रही है। स्कूलों में ज्यादातर को चतुर्थ श्रेणी से पद्दोन्नत कर लैब अटैंडेंट बनाया गया है। इनमें ज्यादातर दसवीं और 12वीं पास हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 09:01 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 06:22 AM (IST)
डिग्री न डिप्लोमा, पदोन्नत कर बना दिए लैब अटेंडेंट
डिग्री न डिप्लोमा, पदोन्नत कर बना दिए लैब अटेंडेंट

अनिल ठाकुर, शिमला

हिमाचल प्रदेश में स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहा है। उपमंडल ठियोग के मतियाना में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल की केमिस्ट्री लैब में हुआ धमाका इसका ताजा उदाहरण है। स्कूलों में लैब अटेंडेंट (प्रयोगशाला सहायक) को बिना किसी अनुभव के नियुक्ति दी जा रही है।

स्कूलों में ज्यादातर लैब अटेंडेंट चतुर्थ श्रेणी कर्मी से पदोन्नत कर बनाए गए हैं जिनके पास डिग्री न डिप्लोमा है। इनमें ज्यादातर लैब अटेंडेंट दसवीं व जमा दो कक्षा पास हैं। सीधी भर्ती से आए लैब अटेंडेंट के पास भी प्रोफेशनल डिग्री व डिप्लोमा नहीं है। नियुक्ति के बाद भी विभाग इन्हें प्रशिक्षण नहीं दिलवाता है। हालत यह है कि अधिकतर लैब अटेंडेंट कों लैब में उपकरणों के नाम पता नहीं होते हैं। वे सिर्फ शिक्षक के निर्देशों का पालन करते हैं। कुछ स्कूलों में लैब अटेंडेंट के पद खाली हैं। स्कूल प्रबंधन प्रेक्टिकल के दौरान वहां गैर शिक्षक कर्मचारी या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को नियुक्त कर देता है। विभाग की यह अनदेखी छात्रों की सुरक्षा से खिलवाड़ है।

स्कूलों में 2033 पद खाली

राजकीय उच्च पाठशाला और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में लैब अटेंडेंट के पद सृजित हैं। उच्च पाठशालाओं में 297 पद सृजित हैं। इनमें से 159 पद रिक्त हैं। वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में 3960 पद सृजित हैं। इनमें से 1874 पद खाली हैं। कुल 2033 पद खाली पड़े हैं। विभाग में लैब अटेंडेंट की वर्ष 2000 से 2002 के बीच नियुक्ति हुई थी। इसके बाद पदोन्नति से ही चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को लैब अटेंडेंट बना दिया जाता है।

--------- लैब अटेंडेंट के लिए आरएंडपी नियमों में संशोधन किया जाना चाहिए। पदोन्नति के बाद जो भी लैब अटेंडेंट बनते हैं, उनके लिए प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए।

चितरंजन काल्टा, अध्यक्ष, पीजीटी यूनियन

--------- स्कूल लैब में प्रेक्टिकल शिक्षक की उपस्थिति में करवाए जाते हैं। अटेंडेंट का काम केवल शिक्षक के दिशानिर्देश को फॉलो करना है। स्कूल लैब में लैब कोट, दस्ताने और लैंस रखना अनिवार्य है। स्कूल प्रधानाचार्य को निर्देश दिए हैं कि वे लैब में इन्हें रखना सुनिश्चित करवाएं। शिक्षकों व लैब अटेंडेंट के लिए रिफ्रेशर कोर्स करवाने का भी निर्णय लिया गया है।

डॉ. अमरजीत शर्मा, निदेशक, उच्चतर शिक्षा

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