ओबीसी विद्यार्थियों को दाखिले में आरक्षण पर भेदभाव

मंत्री पद से वंचित रहे ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला के प्रदेश सरकार विरोधी तेवर बरकरार हैं। उन्होंने विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Aug 2018 06:40 PM (IST) Updated:Wed, 29 Aug 2018 06:40 PM (IST)
ओबीसी विद्यार्थियों को दाखिले में आरक्षण पर भेदभाव
ओबीसी विद्यार्थियों को दाखिले में आरक्षण पर भेदभाव

राज्य ब्यूरो, शिमला : मंत्री पद से वंचित रहे ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला के प्रदेश सरकार विरोधी तेवर बरकरार हैं। बुधवार को भी राज्य विधानसभा में उनके सुर बदले हुए नजर आए। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के विद्यार्थियों को दाखिले में आरक्षण देने के मामले पर सरकार पर असमानता बरतने का आरोप लगाया। उन्हें पूर्व मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) सुखराम चौधरी का भी साथ मिला। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू ने भी इस मुद्दे पर धवाला का समर्थन किया।

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार ओबीसी विद्यार्थियों के दाखिले में आरक्षण पर विस्तृत नीति बनाएगी। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को भेज दिया है। प्रश्नकाल आरंभ होते ही भाजपा विधायक रमेश धवाला ने सवाल उठाया कि क्या सरकार सभी संस्थानों में आबादी आधार पर ओबीसी विद्यार्थियों के लिए आरक्षण देने का विचार रखती है? क्या राज्य सरकार केंद्र की तर्ज पर 27 फीसद आरक्षण देने पर विचार करेगी। क्या यह आरक्षण नौकरियों में भी लागू होगा? बोर्डो व निगमों में तो ओबीसी खत्म हो रहा है। क्या लोक सेवा आयोग में साक्षात्कार लेने वाला अधिकारी ओबीसी से होगा? इसके जवाब में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि दाखिले के लिए ओबीसी के विद्यार्थियों के लिए एक जैसा आरक्षण नहीं है। आरक्षण 12 से 27 फीसद तक है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्वयं वित्त पोषित योजना के कोर्सो में आरक्षण नहीं है। बीएड पाठ्यक्रमों में 15 फीसद, आइजीएमसी में 85 फीसद राज्य कोटे के तहत चार सीटों और टंाडा मेडिकल कॉलेज में दो सीटों पर ही आरक्षण है। केंद्रीय विश्वविद्यालय, एनआइटी, आइआइटी व आइआइएम जैसे केंद्रीय संस्थानों में आरक्षण 27 फीसद है। तकनीकी संस्थानों में आरक्षण 18 फीसद, आयुर्वेद में स्नातकोत्तर कोर्सो में 12 फीसद व तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में 18 फीसद है। नए मेडिकल कॉलेजों में 85 फीसद राज्य कोटे के आधार पर दो- दो सीटों के आरक्षण की व्यवस्था है। खत्म नहीं होगी ओबीसी प्रजाति

मंत्री ने कहा कि ओबीसी प्रजाति खत्म नहीं होगी। यह मेहनती लोगों का समुदाय हैं। कभी खेतों में यही लोग काम करते थे। धवाला इसी वर्ग से हैं और वह पूर्व में मंत्री पद तक पहुंचे हैं। कैबिनेट में भी ओबीसी विलुप्त

कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने व्यंग्य किया कि कैबिनेट में भी ओबीसी विलुप्त हो रहे हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि वह आपको यानी धवाला को भटका रहे हैं। ओबीसी विद्यार्थी डॉक्टर बनने से वंचित

पांवटा के विधायक सुखराम चौधरी ने कहा कि ओबीसी विद्यार्थियों के साथ अन्याय हो रहा है। मेडिकल में उनके लिए सीटें आरक्षित नहीं हैं। वे डॉक्टर नहीं बन पा रहे हैं। कांग्रेस विधायक सुखविंदर सुक्खू ने पूछा कि मेडिकल कॉलेजों में दाखिले में कितना आरक्षण मिल रहा है? पवन काजल ने इससे जुड़ा सवाल उठाया।

chat bot
आपका साथी