अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव में बालीवुड कलाकार करेंगे मनोरंजन

अंतर्राष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव इस बार यादगार बनने वाला है। बालीवुड के नामी कलाकार इस बार अपनी प्रस्तुति देकर लोगों का मनोरंजन करेंगे। स्टार कलाकार के रूप में सुश्मीता दास मधुश्री भट्टाचार्य सूफी कलाकार ममता जोशी तथा इंडियन आईडल के फेल नितिन अंतर्राष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव की स्टार नाईट में चार चांद लगाएंगे। वर्षों बाद अंतर्राष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव में इस तरह के बड़े कलाकार पहुंच रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 31 May 2019 08:02 PM (IST) Updated:Sun, 02 Jun 2019 06:56 AM (IST)
अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव में बालीवुड कलाकार करेंगे मनोरंजन
अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव में बालीवुड कलाकार करेंगे मनोरंजन

जागरण संवाददाता, शिमला : अंतरराष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव में इस बार बालीवुड कलाकार प्रस्तुति देकर मनोरंजन करेंगे। ग्रीष्मोत्सव के अंतिम दिन बालीवुड स्टार मधुश्री भट्टाचार्य स्टार कलाकार होंगे। इसके अलावा फरहान, लोकेंद्र चौहान गीता भारद्वाज भी प्रस्तुति देंगे। पांच जून को बालीवुड कलाकार सुश्मीता दास की प्रस्तुति होगी। इसके अलावा चार जून को इंडियन आइडल फेम नितिन व ममता जोशी प्रस्तुति देंगी। इसके अलावा पहाड़ी कलाकार विक्की चौहान, हेमंत शर्मा भी स्टार कलाकार होंगे। तीन जून से छह जून तक रिज पर चलने वाले ग्रीष्मोत्सव की सांस्कृतिक संध्याओं के कार्यक्रम आइस स्केटिग रिक, पदम देव परिसर, दौलत सिंह पार्क, खुला रंगमंच, रिट्ज सिनेमा हॉल, टाउन हॉल के सामने, इंदिरा गांधी खेल परिसर सहित कुछ अन्य स्थानों पर भी देखने को मिलेंगे। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने कहा ग्रीष्मोत्सव विश्व मानचित्र पर विशिष्ट पहचान रखता है तथा जिला प्रशासन इस आयोजन को भव्य रूप प्रदान करने का हरसम्भव प्रयास करेगा। चार जून को मालरोड स्थित पुलिस नियंत्रण कक्ष के सामने हिमाचली पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर आधारित बजंतरी प्रतियोगिता होगी। पांच जून को सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल, पुलिस तथा गृहरक्षकों की बैंड प्रतियोगिता होगी। बैंड प्रतियोगिता अंग्रेजी, पारंपरिक, शास्त्रीय तथा फिल्मी धुनों पर आधारित होगी। छह जून को गेयटी थियेटर में युवा रॉक बैंड प्रतियोगिता होगी। पांच व छह जून को हिमाचली फिल्मों का फिल्म महोत्सव होगा जोकि रिट्ज थियेटर व गेयटी थियेटर में होगा। छह जून को ऑल इंडिया आर्टिस्ट एसोसिएशन एवं एपीजी तथा अन्य विश्वविद्यालयों के सौजन्य से कार्निवल जलसा आयोजित किया जाएगा। इसमें 25 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के सांस्कृतिक दल एवं एपीजी तथा अन्य विश्वविद्यालयों के विदेशी छात्र देश की पारंपरिक वेशभूषा में समृद्ध संस्कृति से रू-ब-रू करवाएंगे।

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एकल संगीत प्रस्तुतियां रहेंगी आकर्षण

एकल संगीत प्रस्तुतियां भी मुख्य आकर्षण रहेंगी। इनमें शहनाई, मुसादा खंजरी, बांसुरी वादक तथा टमक दल कला का जादू बिखेरेंगे। इनकी प्रस्तुति रिज पर स्थित खुले रंगमंच में तथा टमक दल की प्रस्तुति आइस स्केटिंक रिक में होगी। 600 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पारंपरिक हिमाचली वेशभूषा में तीन जून को नाटी प्रस्तुत करेंगी। पांच से आठ जून तक ऑल इंडिया आर्टिस्ट एसोसिएशन रिज, मालरोड व अन्य चिह्नित स्थानों पर नुक्कड़ नाटक करवाएगी।

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गजलों, पहाड़ी कव्वाली के अलावा होंगी प्रतियोगिताएं

तीन जून को गेयटी थियेटर में कवि सम्मेलन तथा चार जून को गजल एवं पहाड़ी कव्वाली प्रस्तुति भी होगी। व्यंजन उत्सव, फल उत्सव, हथकरघा एवं हस्तशिल्प मेला, बेबी शो, डॉग शो, मैजिक शो, कठपुतली शो, बहरूपिया प्रदर्शन तथा पुष्प प्रदर्शनी एवं पुष्पोत्सव आयोजन के अन्य आकर्षण रहेंगे। चार से छह जून तक इंदिरा गांधी खेल परिसर में बैडमिटन, वालीबॉल, जूडो तथा कराटे प्रतियोगिताएं होंगी। पहली जून को प्रश्नोत्तरी तथा दो जून को फोटोग्राफी प्रतियोगिता होगी।

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ग्रीष्मोत्सव में पारंपिरक व्यंजनों के चटकारे लेंगे पर्यटक

जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव में स्थानीय लोगों सहित पर्यटक पारंपरिक व्यंजनों के चटकारे ले सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव के दौरान जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग चार से छह जून तक शैफ प्रतियोगिता दौलत सिंह पार्क रिज पर करवाएगा। उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने बताया प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक हिमाचली व्यंजनों को बनाने की कला को प्रदर्शित करना व पारंपरिक फसलों को लुप्त होने की कगार से बचाना है। प्रतियोगिता में भाग लेने की चार श्रेणियां रखी गई हैं। इसके अंतर्गत चार जून को हॉबी शैफ (गृहणियों के लिए), पांच जून को बेकरी, स्टूडेंट शैफ तथा छह जून को पेशेवर शैफ की प्रतियोगिता होगी। प्रतियोगिता के आयोजन से नई पीढ़ी को पर्यटन व्यवसाय से जोड़ना और लुप्त हो रही पारंपरिक फसलों जैसे लाल चावल, कोदा, काउणी, कोलथ, जौ, बाथू व भरठ इत्यादि फसलों को पुनर्जीवित करना तथा सैलानियों को हिमाचली व्यंजनों से अवगत करवाया जाएगा।

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