होम स्टे इकाइयों में चलाए जा रहे रेस्तरा

जागरण संवाददाता, शिमला : ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई होम स्टे योजना का

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 03:14 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 03:14 PM (IST)
होम स्टे इकाइयों में चलाए जा रहे रेस्तरा
होम स्टे इकाइयों में चलाए जा रहे रेस्तरा

जागरण संवाददाता, शिमला : ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई होम स्टे योजना का दुरुपयोग हो रहा है। मुनाफा कमाने के लिए मानकों को ताक पर रखकर मनमानी की जा रही है। तीन की जगह छह से आठ कमरों में सैलानी ठहराए जा रहे हैं। होम स्टे इकाइयों में रेस्तरा चलाए जा रहे हैं।

जिला में 300 से अधिक होम स्टे पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें अधिकांश ऐसे हैं जो कमरे तो अधिक चला रहे हैं। इससे सरकार को राजस्व का लाखों रुपये का चूना लग रहा है और पर्यटकों से भी तय दरों से अधिक किराया वसूला जा रहा है।

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घरेलू दरों पर बिजली, पानी और टैक्स भी माफ

होम स्टे योजना के तहत पंजीकृत भवनों का सरकार की ओर से टैक्स माफ किया गया है। भवनों के लिए बिजली और पानी के कनेक्शन भी व्यावसायिक की जगह घरेलू दरों पर मुहैया करवाए गए हैं।

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ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना योजना का मकसद

2008 में शुरू की गई होम स्टे योजना का मकसद शहरों से बाहर पर्यटन को बढ़ावा देना है। योजना के तहत पर्यटकों को होम स्टे में घर जैसा आरामदायक माहौल उपलब्ध करवाना लक्ष्य रखा गया है। लेकिन अब योजना के तहत टैक्स से बचने के लिए होम स्टे संचालकों ने अपने होटलों को होम स्टे में तबदील कर दिया है।

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पंजीकरण की शर्तो का पालन अनिवार्य

होम स्टे योजना के तहत इकाई के पंजीकरण के समय रखी गई शर्तो का पालन करना अनिवार्य है। पंजीकरण के समय तय दरों पर ही पर्यटकों से वसूली की जा सकती है। एक लाइसेंस पर अधिकतम तीन कमरों का ही बतौर होम स्टे इस्तेमाल हो सकता है।

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नियमों की अनदेखी करने वालों के लाइसेंस रद किए जाएंगे। विभाग नियमित जांच करता है। जिन होम स्टे इकाइयों में अनियमितताएं पाई जाती हैं उनके चालान किए जाते हैं।

-रवि, पर्यटन निरीक्षक शिमला।

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