Himachal News: खुशखबरी! तीसरी वैकल्पिक सड़क से लद्दाख पहुंचना हुआ और आसान, रंग लाई 20 साल की कड़ी मेहनत

Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। बीआरओ ने लद्दाख में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण निम्मू-पद्दुम-दारचा सड़क को जोड़ दिया है। यानी अब पद्दुम व निम्मू होते हुए लद्दाख जाना और आसान हो गया है। यह सड़क अब मनाली-सरचू-लेह और श्रीनगर-जोजिला-लेह के अलावा तीसरा विकल्प बन गया है जिसने लद्दाख को भीतरी इलाकों से जोड़ दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Prince Sharma Publish:Thu, 28 Mar 2024 03:42 PM (IST) Updated:Thu, 28 Mar 2024 03:42 PM (IST)
Himachal News: खुशखबरी! तीसरी वैकल्पिक सड़क से लद्दाख पहुंचना हुआ और आसान, रंग लाई 20 साल की कड़ी मेहनत
Himachal News: खुशखबरी! तीसरी वैकल्पिक सड़क से लद्दाख पहुंचना हुआ और आसान

HighLights

  • रंग लाई 20 साल की मेहनत वाया पद्दुम दारचा से जुड़ा निम्मू
  • लेह-लद्दाख के लोगों को अब नहीं करना पड़ेगा कारगिल का लंबा सफर
  • लेह पहुंचने के लिए तैयार किया गया 298 किलोमीटर मार्ग
  • 150 किलोमीटर कम हुई दूरी

जागरण संवाददाता, मनाली। Himachal Pradesh News: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 20 साल की मेहनत रंग लाई है। बीआरओ ने सड़कों का जाल बिछाते हुए लद्दाख में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण निम्मू-पद्दुम-दारचा सड़क को जोड़ दिया है। 13 बीआरटीएफ की ओर से तैयार 298 किलोमीटर इस सड़क ने कारगिल-लेह राजमार्ग पर दारचा व निम्मू के माध्यम से मनाली को लेह से जोड़ा है।

लद्दाख के भीतरी इलाकों को जोड़ा गया

मनाली से पद्दुम व निम्मू होते हुए इस सड़क की दूरी हालांकि 450 किलोमीटर होगी लेकिन शिंकुला में टनल बनने के बाद यह सड़क सालभर के लिए खुली रहेगी। यह सड़क अब मनाली-सरचू-लेह और श्रीनगर-जोजिला-लेह के अलावा तीसरा विकल्प बन गया है, जिसने लद्दाख को भीतरी इलाकों से जोड़ दिया है। निम्मू-पद्दुम-दारचा सड़क का सामरिक महत्व इसलिए भी क्योंकि अन्य दो मार्गों की तुलना में इसकी दूरी कम है। 16,558 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रे में टनल बनते ही लेह-मनाली के बीच सर्दियों में भी आवाजाही जारी रहेगी।

पहाड़ों का काटकर बनाई जा रही सड़क

देश के प्रहरियों तक रसद पहुंचाना आसान हो जाएगा, साथ ही जंस्कार घाटी में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह सड़क जंस्कार नदी के साथ-साथ पहाड़ी को काटकर बनाई गई है। इस मार्ग के बनने से 150 किलोमीटर दूरी कम हो जाएगी।

योजक परियोजना के निदेशक कर्नल विकास गुलिया ने बताया कि शिंकुला दर्रे के दोनों छोर भी जुड़ गए हैं तथा निम्मू भी पद्दुम से जुड़ गई है। उन्होंने बताया कि 30 मार्च तक वाहन सीधे मनाली से दारचा-शिंकुला होते हुए पद्दुम से निम्मू होकर लेह पहुंच जाएंगे।

जंस्कार नदी जम जाने के चलते सामने आईं कईं चुनौतियां

इससे पहले वाहनों को पद्दुम से कारगिल होकर लंबा सफर करना पड़ता था। बीआरओ डीजी विशेष सेवा मेडल प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने कहा कि जनवरी में जब जंस्कार नदी जम गई थी, काम करना चुनौती से कम नहीं था। इस बीच, बीआरओ के जवान दिन-रात निम्मू-पद्दुम सड़क के दोनों छोर जोड़ने में जुटे थे।

उन्होंने बताया कि देश जब होली मना रहा था उस समय बीआरओ के जवान सड़क के दोनों छोर जोड़ने की खुशी मना रहे थे। उन्होंने विश्वास जताया कि सड़क को पक्का करने का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शिंकुला टनल बनने के बाद लेह-लद्दाख के लिए यह सालभर खुली रहने वाली सड़क बन जाएगी।

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