सावधान! इन नौ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

कच्ची सड़कों में वाहनों का आवाजाही में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। बागवानों को अपनी फसल मंडी तक पहुंचाने की चिंता सताने लगी है।

By BabitaEdited By: Publish:Thu, 19 Jul 2018 09:17 AM (IST) Updated:Thu, 19 Jul 2018 09:17 AM (IST)
सावधान! इन नौ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
सावधान! इन नौ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। इससे राज्य में जनजीवन प्रभावित हो गया है। मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेशभर में आगामी दिनों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। नौ जिलों मंडी, शिमला, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, चंबा, बिलासपुर और ऊना में 22 व 23 जुलाई तक अति भारी बारिश हो सकती है। विभाग ने चेतावनी दी है कि 25 जुलाई तक राज्य में भारी बारिश का क्रम जारी रहेगा।

वहीं, बुधवार को शिमला जिला के मैहली में भारी बारिश से डंगा गिर गया। जिससे चार मजदूर घायल हो गए। इनमें एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। ऊपरी शिमला में संपर्क सड़कों पर भारी बारिश के कारण वाहन चलाना मुश्किल भरा हो गया है। कच्ची सड़कों में वाहनों का आवाजाही में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। बागवानों को अपनी फसल मंडी तक पहुंचाने की चिंता सताने लगी है। चंबा जिला के मच्छैतर के पास भूस्खलन से चंबा होली मार्ग एक घंटा बंद रहा।

 

लाहुल-स्पीति जिला में मनाली-लेह राजमार्ग पर जिंगजिंगबार के पास भूस्खलन से पांच घंटे यातायात बाधित रहा। इसके अलावा हमीरपुर, बिलासपुर व ऊना जिला में हल्की बारिश हुई। उधर, बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के अधिकतम व न्यूनतम तापमान में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन नहीं आया है। बुधवार को प्रदेश का अधिकतम तापमान ऊना में 34.6 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान मनाली में 13.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। 

 

बिना सूचना खोल दिए पार्वती बांध के गेट

जिला मंडी प्रशासन को बिना सूचना दिए एनएचपीसी प्रबंधन ने बुधवार सुबह पार्वती तृतीय परियोजना बांध के गेट खोल दिए। इससे ब्यास नदी में पानी की आवक 40,000 क्यूमेक्स तक पहुंच गई। एकाएक इतना ज्यादा जलस्तर बढ़ने से बीबीएमबी के पंडोह बांध प्रबंधन में हड़कंप मच गया। मंडी जिला प्रशासन को भी आनन-फानन में अलर्ट जारी करना पड़ा। पानी में गाद की मात्रा बढ़ने से राज्य विद्युत परिषद के 126 मेगावाट क्षमता के लारजी

पनविद्युत प्रोजेक्ट में सात घंटे बिजली उत्पादन रोकना पड़ा।

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