मंडी में बनेगा पहला मॉडल नशा निवारण व पुनर्वास केंद्र

राज्य ब्यूरो शिमला मंडी में हिमाचल प्रदेश का पहला मॉडल नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 07:11 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 05:07 AM (IST)
मंडी में बनेगा पहला मॉडल नशा निवारण व पुनर्वास केंद्र
मंडी में बनेगा पहला मॉडल नशा निवारण व पुनर्वास केंद्र

राज्य ब्यूरो, शिमला : मंडी में हिमाचल प्रदेश का पहला मॉडल नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित होगा। प्रदेश सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के मानकों पर बनाया जाएगा। केंद्र को स्थापित करने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है।

प्रदेश में इस तरह को यह पहला सरकारी केंद्र होगा, जिसे स्वस्थ्य विभाग स्थापित करेगा। हालांकि प्रदेश में कई जगह गैर सरकारी केंद्र हैं, जिन्हें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहायता राशि देता है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों पर खरे नहीं उतरते, यही कारण है कि अब स्वास्थ्य विभाग इस तरह का केंद्र स्थापित कर रहा है। इससे अन्य नशा निवारण केंद्रों को स्थापित कर इनका बेहतर संचालन हो सकेगा। वर्तमान में प्रदेश में करीब 80 नशा निवारण केंद्र संचालित हैं।

केंद्र के लिए निर्धारित मानक

-केंद्र ऐसी जगह हो जहा लोग आसानी से पहुंच सकें।

-वार्ड में हर मरीज के लिए बिस्तर की जगह 60 वर्ग फीट हो।

-उपचार के लिए उचित स्थान हो।

-अलग से ओपीडी व आधुनिक सुविधाएं हों।

-युवाओं और बच्चों को बड़ों से अलग रहने की व्यवस्था हो।

-चिकित्सा परिषद के पास पंजीकृत डाक्टर हों।

-चिकित्सक हर समय उपलब्ध हो।

-मरीज के लिए उचित डाइट का प्रबंध हो।

-मरीजों के पंजीकरण के साथ-साथ उपचार का रिकॉर्ड हो।

-स्टाफ नर्स 24 घटे उपलब्ध हो।

-आपात स्थिति के लिए अस्पताल के साथ संपर्क।

-हर 30 बिस्तर पर एक काउंसलर का होना आवश्यक है।

बढ़ रही युवाओं में नशे की लत

देवभूमि हिमाचल में युवाओं में नशे की लत बढ़ती जा रही है। पड़ोसी राज्य पंजाब और अन्य में मिलने वाला चिट्टा अब यहां भी आसानी से उपलब्ध हो रहा है। युवा भांग, अफीम के अलावा सिंथेटिक ड्रग का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे अभिभावक परेशान हैं। .........

10 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को नशा छुड़वाने के लिए अभिभावक ला रहे हैं। नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र ऐसे बच्चों के लिए मददगार साबित होता है।

-डा. दिनेश शर्मा, विभागाध्यक्ष मनोरोग विभाग, आइजीएमसी शिमला।

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यह प्रदेश का पहला ऐसा केंद्र होगा और अन्य केंद्रों के लिए आदर्श होगा। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देश के आधार पर स्थापित होगा।

-डा. संजय पाठक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, हिमाचल प्रदेश मानसिक रोग स्वास्थ्य

प्राधिकरण(

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