डेंटल कॉलेज के प्रशिक्षुओं ने किया प्रदर्शन

में लंबे समय से भर्ती न होने पर प्रदर्शन दूसरे दिन जारी रहा। बेरोजगार दंत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष अनिल आज्टा का कहना है कि प्रदेश के कई गांव में सैकड़ों फर्जी डॉक्टर अपने क्लीनिक चला रहे हैं। न ही उनपर कार्रवाई होती है और न ही कोई मुकद्मा दर्ज होता है। प्रदेश में 2000 से अधिक डिग्रीधारक प्रशिक्षु बेरोजगार हैं। लेकिन सरकार का इन पर कोई ध्यान नहीं है। प्रशिक्षुओं को नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 08:38 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 08:38 PM (IST)
डेंटल कॉलेज के प्रशिक्षुओं ने किया प्रदर्शन
डेंटल कॉलेज के प्रशिक्षुओं ने किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला के डेंटल कॉलेज के प्रशिक्षुओं ने लंबे समय से भर्ती न होने के विरोध में दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया। बेरोजगार दंत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष अनिल आज्टा का कहना है कि प्रदेश के कई गांव में सैकड़ों फर्जी डॉक्टर अपने क्लीनिक चला रहे हैं। न ही उनपर कार्रवाई होती है और न ही कोई मुकदमा दर्ज होता है। प्रदेश में 2000 से अधिक डिग्रीधारक प्रशिक्षु बेरोजगार हैं, लेकिन सरकार का इन पर कोई ध्यान नहीं है। प्रशिक्षुओं को नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सात साल में 28 भर्तियां निकालती है, जबकि हर साल 400 प्रशिक्षु कॉलेज से पढ़ाई पूरी कर निकलते हैं, सरकार को डेंटल में हर साल कमीशन निकलना चाहिए, ताकि प्रशिक्षुओं को नौकरी के लिए भटकना न पड़े। अध्यक्ष ने बताया कि आने वाले दो दिनों के भीतर एमडीएस की परीक्षा होने के कारण अधिकतर प्रशिक्षु परीक्षा की तैयारी में व्यस्त हैं। बेरोजगार दंत चिकित्सक एसोसिएशन ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मांगों को जल्द न पूरा किया गया तो अगली बार योजनाबद्ध तरीके से वे बड़ा आंदोलन करेंग्रे ताकि दंत चिकित्सकों की समस्या का स्थायी समाधान हो।

वहीं, डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आशु गुप्ता ने बताया कि पूर्व प्रशिक्षुओं की ओर से किए गए प्रदर्शन में कॉलेज का कोई रोल नहीं है। कॉलेज पढ़ने और पढ़ाने की जगह है। प्रशिक्षुओं को चाहिए कि सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखें।

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