डेंटल कॉलेज के प्रशिक्षु डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 09:02 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 06:24 AM (IST)
डेंटल कॉलेज के प्रशिक्षु डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
डेंटल कॉलेज के प्रशिक्षु डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश में दंत चिकित्सकों की लंबे समय से भर्ती न होने पर प्रशिक्षु डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिमला के डेंटल कॉलेज प्रशिक्षु डॉक्टरों ने बुधवार को प्रदर्शन किया। हालांकि कॉलेज के प्रधानाचार्य के बातचीत करने के बाद कुछ प्रशिक्षु काम पर लौट गए, लेकिन कुछ ने यह प्रदर्शन जारी रखा। इस दौरान मरीजों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। बेरोजगार दंत चिकित्सक नियमित तौर पर दंत चिकित्सकों के पद भरने की मांग कर रहे हैं। छात्र नेताओं ने आरोप लगाया था कि डेंटल प्रशिक्षु बेरोजगारी की ओर बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन कॉलेज प्रशासन व सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। डेंटल प्रोफेशन को बीमारियों में काउंट ही नहीं किया जा रहा है। प्रशिक्षुओं ने कहा कि क्या हम डॉक्टर नहीं हैं। सरकार की ओर से सात साल में 50 सीटें निकाली गई हैं, जबकि हर साल 400 प्रशिक्षु कॉलेज से पढ़ाई पूरी कर निकलते हैं। प्रशिक्षुओं ने मांग उठाई थी कि डेंटल में हर साल कमीशन निकलना चाहिए, ताकि उन्हें नौकरी के लिए भटकना न पड़े। बेरोजगार दंत चिकित्सक एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो दंत चिकित्सकों का यह प्रदर्शन जारी रहेगा।

2000 से अधिक प्रशिक्षु बेरोजगार

बेरोजगार दंत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष अनिल आजटा ने कहा कि वर्तमान में 2000 से अधिक दंत चिकित्सक बेरोजगार हैं। इसका आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है। सरकार पीएचसी सीएचसी में दंत चिकित्सकों की नियुक्ति करें, ताकि लोगों को सुविधा मिले और बेरोजगार दंत चिकित्सकों को रोजगार मिल सके।

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झोलाछाप डॉक्टरों पर हो कार्रवाई

बेरोजगार दंत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष अनिल आजटा ने कहा कि जिला शिमला में करीब 250 झोलाछाप डॉक्टर अपने क्लीनिक गांव में चला रहे हैं। इन पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। डिग्री लेने वाले बेरोजगार घूम रहे हैं और लोगों की जान से खिलवाड़ करने वालों का काम फलफूल रहा है। उन्होंने मांग की कि तुरंत प्रभाव से झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक बंद करवाए जाएं और इन पर मुकदमें दर्ज किए जाएं।

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