प्राथमिकताएं लटकीं तो बख्शे नहीं जाएंगे अधिकारी: मुख्यमंत्री जयराम
योजनाएं धरातल पर उतरनी चाहिए। लागत और अधिक समय से बचने के लिए विकास योजनाओं को समय पर पूरा करना जरूरी है।
v style="text-align: justify;">शिमला, राज्य ब्यूरो। हर विधायक अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण की योजना देते हैं। जहां पर लोगों को पेयजल नहीं मिलता, ऐसे स्थानों के लिए योजना दी जाती है। विधायकों द्वारा दी गई योजना को कई बार अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते हैं। उसके बाद ठेकेदार भी ढीला काम करते हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस तरह की लापरवाही को सख्ती से लिया है। उन्होंने आदेश दिए कि यदि विधायकों द्वारा दी गई प्राथमिकताएं लटकीं तो संबंधित अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे। अगले वित्तीय वर्ष 2018-19 की वार्षिक योजना के लिए विधायकों की प्राथमिकताओं को अंतिम रूप देने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कई ठेकेदार भी निर्माण योजनाओं में गुणवत्तापूर्ण काम नहीं करते हैं।
ऐसी लापरवाही से काम करने और परियोजनाओं में अनावश्यक देरी करने वाले ठेकेदारों को अब काम नहीं मिलेगा। सभी विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि योजनाओं से संबंधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) समय पर बननी चाहिए।
योजनाएं धरातल पर उतरनी चाहिए। लागत और अधिक समय से बचने के लिए विकास योजनाओं को समय पर पूरा करना जरूरी है। उन्होंने वित्त वर्ष के अंत में राशि वापस करने के बजाए बजट का समय पर उपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां पर भी साल के अंत में किसी योजना का बजट शेष रह जाता है, उससे साबित होता है कि अधिकारियों ने सही तरीके से काम पूरा नहीं किया। बजट लैप्स होना अधिकारियों की अक्षमता को उजागर करता है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। पर्याप्त बजट प्रावधान के साथ पहले से ही स्वीकृत परियोजनाओं पर किस प्रकार कार्य किया जाए, इस संबंध में जानना जरूरी है। सरकार ने भाजपा के दृष्टिपत्र को सरकारी दस्तावेज के रूप में अपनाया है। समयबद्ध समग्र विकास हासिल करने के लिए हमें लक्ष्यों तथा नीतिगत ढांचे पर कार्य करने की जरूरत है।
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