ऊर्जा नीति पर सदन में हंगामा, व‍िपक्ष का वॉकआउट

ह‍िमाचल व‍िधानसभा के चल रहे मानसून सत्र में वीरवार को ऊर्जा नीति पर जमकर हंगामा हुआ।

By Munish DixitEdited By: Publish:Thu, 30 Aug 2018 01:17 PM (IST) Updated:Thu, 30 Aug 2018 01:18 PM (IST)
ऊर्जा नीति पर सदन में हंगामा, व‍िपक्ष का वॉकआउट
ऊर्जा नीति पर सदन में हंगामा, व‍िपक्ष का वॉकआउट

श‍िमला [रविंद्र शर्मा] ह‍िमाचल व‍िधानसभा के चल रहे मानसून सत्र में वीरवार को ऊर्जा नीति पर जमकर हंगामा हुआ। ऊर्जा नीति पर मंत्री को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा वक्तव्य देने की अनुमति पर विपक्ष ने  सदन में हंगामा किया। प्रश्नकाल के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो अध्यक्ष ने ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा को वक्तव्य देने के लिए आमंत्रित किया। लेकिन विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि  ऊर्जा नीति पर चर्चा पहले हो गई  तो दोबारा इस पर मंत्री को बोलने की अनुमति क्यों दी जा रही है। कांग्रेस ने इस पर सदन में हंगामा शुरू कर दिया है और सदन में नारेबाजी करने के बाद सदन से वाॅकआउट किया।

विपक्ष ने आरोप लगाया कि एक बार चर्चा हो जाने के बाद अब जब प्रदेश की जनता के सामने सरकार का असली चेहरा आ गया है तो अब बचाव में मंत्री से इस पर स्पष्टीकरण दिलवाया जा रहा है। उन्होंने कहा क‍ि सरकार ने पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए पावर पॉलिसी  बदलाव  किया है जिससे प्रदेश सरकार के  साथ साथ जनता को नुक्सान होगा। विपक्ष ने इसे बड़ा घोटाला करार दिया।

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा बिजली प्रदेश का आय का मुख्य साधन है और  जहां पावर प्रोजेक्‍ट से हिमाचल को  बिजली मुफ्त देने और रायल्‍टी का प्रावधान  है और इसके लिए पूर्व  की सभी  सरकार एकजुट रही। वहीं, जयराम सरकार  ने  कुछ पूंजीपतियों को  फायदा पहुंचाने  के  लिए रायल्टी 12 साल के लिए छूट दे दी है और ये फैसला सरकार ने पावर माफिया के दवाब  में किया। मुकेश ने कहा कि आने वाले समय में ये  प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला सामने आएगा। सरकार के नीति बदलने से दस हजार करोड़ का नुकसान प्रदेश को होगा।

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