मिड-डे मील में भेदभाव होने की 1800-180-8007 पर करें शिकायत

हिमाचल के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील के दौरान बच्चों के साथ जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव की शिकायत अब की जा सकेगी। इसके लिए टोल फी नंबर जारी किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 08:46 PM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 08:46 PM (IST)
मिड-डे मील में भेदभाव होने की
1800-180-8007 पर करें शिकायत
मिड-डे मील में भेदभाव होने की 1800-180-8007 पर करें शिकायत

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील के दौरान बच्चों के साथ जाति, धर्म या अन्य भेदभाव की घटनाओं को रोकने के लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने नया तरीका तलाशा है। निदेशालय ने टोल फ्री नंबर 1800-180-8007 जारी किया है।

यदि स्कूल में मिड-डे मील के दौरान बच्चों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव होता दिखाई दे तो उसकी सूचना टोल फ्री नंबर पर दें। आपकी शिकायत सीधा निदेशालय में बैठे आलाधिकारियों तक पहुंच जाएगी। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जम्वाल ने मंगलवार को निर्देश जारी कर सभी स्कूलों में टोल फ्री नंबर दर्शाने को कहा है। यदि किसी स्कूल परिसर में टोल फ्री नंबर नहीं दर्शाया गया होगा तो स्कूल मुखिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश जारी किए थे। इसी कड़ी में प्रदेश शिक्षा विभाग ने आगे की प्रक्रिया शुरू की है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में टोल फ्री नंबर लगेगा। इस पर कोई अभिभावक या गांव का व्यक्ति फोन कर मिड-डे मील परोसने से संबंधित शिकायत कर सकता है। यह सुविधा सुबह दस बजे से लेकर शाम पांच बजे तक रहेगी। अवकाश के दिन यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। शिकायत मिलने पर निदेशालय के अधिकारी उस स्कूल की जांच करेंगे। विद्यार्थियों को रोल नंबर के अनुसार बैठाएं

सभी स्कूलों को कहा गया है कि मिड-डे मील परोसने को लेकर दिए गए निर्देशों का पालना करें और उसकी रिपोर्ट हर महीने दें। निदेशालय द्वारा जारी निर्देश के अनुसार मिड-डे मील परोसे जाने के दौरान विद्यार्थियों को रोल नंबर के अनुसार ही बैठाया जाए।

स्कूलों में टोल फ्री नंबर दर्शाने को कहा गया है। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति मिड-डे मील से संबंधित शिकायत कर सकता है। मिड-डे मील परोसे जाने के दौरान धर्म व जाति को लेकर किसी प्रकार भेदभाव न हो, इसलिए यह कदम उठाया गया है।

रोहित जम्वाल, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग।

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