सेब के मिले उम्दा दाम, चहके बागवान

ऊपरी शिमला की सबसे बड़ी सेब मंडी पराला में वीरवार को सेब के अच्छे दा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 06:24 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 03:14 PM (IST)
सेब के मिले उम्दा दाम, चहके बागवान
सेब के मिले उम्दा दाम, चहके बागवान

सुनील ग्रोवर, ठियोग

ऊपरी शिमला की सबसे बड़ी सेब मंडी पराला में वीरवार को सेब के अच्छे दाम मिलने से बागवान काफी खुश हैं। कोटखाई के पजई इलाके के बागवान के रायल किस्म के सेब का छोटा 10 से 12 किलोग्राम का बाक्स 1300 रुपये में बिका है। कोटखाई के रहने वाले पीयूष चौहान अपनी 823 पेटी मंडी के आढ़ती अनूप चौहान की दुकान में बेचने के लिए आए थे, लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि उनकी अपनी फसल के लिए दस लाख पैंसठ हजार रुपये की बोली लगाई जाएगी। अपनी फसल के अच्छे दाम मिलने से बागवान उत्साहित हैं।

पराला मंडी में वीरवार को 19240 बड़ी पेटी और 189 छोटी पेटी बिकने के लिए पहुंची। बागवानों को मंडी में रायल की पेटी के लिए 500-2200 हाफ बाक्स के लिए 600-1400 रेड गोल्ड किस्म की पेटी के लिए 500-1100 गोल्डन किस्म की पेटी के लिए 400-1100 जबकि नाशपाती की बड़ी पेटी के लिए 300-800 जबकि हाफ बाक्स के लिए 200-350 रुपये के हिसाब से दाम मिल रहे हैं।

डेढ़ करोड़ सेब की पेटियां मंडियों को हुई रवाना

ऊपरी शिमला में 15 जुलाई से शुरू हुआ सेब सीजन आखिरी चरण में है। ठियोग के फागु और बलग के नैना सेब नियंत्रण कक्षों से बुधवार तक डेढ़ करोड़ सेब की पेटियां बाहरी मंडियों के लिए रवाना हुई हैं। ठियोग के फागु से 96 लाख और बलग से 55 लाख लाख सेब की पेटियां लेकर 18195 जीप, 18686 ट्रक और 7953 ट्राला पंजीकृत हुए हैं।

ऊंचाई वाले क्षेत्रों का सेब पहुंचने लगा मंडी में

वर्तमान में निचले और माध्यम इलाके में सेब सीजन समाप्त हो चुका है और ऊंचाई वाले क्षेत्रों का सेब मंडियों तक पहुंच रहा है। यह सीजन अक्टूबर के अंत तक चलने की संभावना है। जिला किन्नौर से भी सीजन शुरू हो चुका है, जिसकी फसल स्थानीय मंडियों तक पहुंचनी शुरू हो गई है। अधिक ऊंचाई के क्षेत्रों का सेब लंबे समय तक टिकाऊ रहता और इसका भंडारण आढ़ती कोल्ड स्टोर में करते हैं। सीजन खत्म होने के बाद यही सेब अधिक कीमत पर बाजार में उपलब्ध करवाया जाता है।

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