हरे पेड़ों के कटान पर रोक हटाने की तैयारी

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में वन, सरकारी भूमि पर हरे पेड़ों के कटान पर लगी रोक जल्द हट सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Dec 2017 05:47 PM (IST) Updated:Wed, 13 Dec 2017 05:32 PM (IST)
हरे पेड़ों के कटान पर रोक हटाने की तैयारी
हरे पेड़ों के कटान पर रोक हटाने की तैयारी

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में वन, सरकारी भूमि पर हरे पेड़ों के कटान पर लगी रोक जल्द हट सकती है। सुप्रीमकोर्ट से तीन जिलों में वैज्ञानिक तौर तरीके से पुराने, बूढ़े पेड़ों को काटने की इजाजत मिल सकती है। इस संबंध में केंद्रीय इंपावर्ड कमेटी की शर्तो का पालन करना होगा। देश की सर्वोच्च अदालत ने हिमाचल सरकार को तीन जिलों में तीन रेंज चिह्नित कर शपथपथ दायर करने को कहा है। अब अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी।

ये रेंज साल, खैर और चीड़ के पेड़ों को काटने के लिए ही खुलेंगी। राज्य सरकार ने लगातार चार साल कोर्ट में हिमाचल के हितों की पैरवी की है। इस संबंध में कोर्ट ने सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी को जून में हिमाचल भेजा था। कमेटी के मुखिया और सदस्यों ने कांगड़ा जिले में जंगलों का दौरा किया था। इसके बाद अपनी सिफारिशें सुप्रीमकोर्ट में सौंपी। हिमाचल 1500 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हरित कटान पर लगी पाबंदी को हटाने का पक्षधर रहा है। कोर्ट ने पहले सर्कल को परिभाषित करने के निर्देश दिए। सरकार ने मंडल स्तर पर पाबंदी से रोक हटाए जाने का आग्रह किया, लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को नहीं माना। अब कोर्ट ने तीन जिलों में तीन रेंज में पेड़ काटने की हामी भर दी है, इससे पहले राज्य सरकार को शपथपत्र देना होगा। कांगड़ा में खैर, बिलासपुर चीड़ और सिरमौर में साल के पेड़ काटने की इजाजत मिल सकेगी।

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दो वर्ष के लिए मिलेगी इजाजत

सुप्रीमकोर्ट तीन जिलों में तीन रेंजों में प्रायोगिक तौर पर पेड़ कटान की अनुमति देगा। इस दौरान वह खुद मॉनीटरिंग करेगा। कितने पेड़ काटे, किस प्रकार काटे, कितने पेड़ और लगाए, कितने इनमें से जिंदा रहे? क्या इससे नई पौध की ग्रोथ होगी या नहीं? यह इजाजत आरंभ में दो वर्ष के लिए होगी।

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सुप्रीमकोर्ट हिमाचल के तीन जिलों की तीन रेंज से सिल्वीकल्चर फैलिंग के लिए सहमत हो गया है। इजाजत मिलने से पहले राज्य सरकार को ये रेंज चिह्नित करनी होंगी। इसके लिए शपथपथ दायर किया जाएगा। इन रेंज में सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी की शर्तो को पूरा करना होगा।

-जेएस अत्री, सुप्रीमकोर्ट में राज्य सरकार के वरिष्ठ वकील।

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पुराने पेड़ कम ऑक्सीजन छोड़ते हैं। नए पौधों के विकास, पर्यावरण संरक्षण के लिए वैज्ञानिक आधार पर ग्रीन फै लिंग से रोक हटनी जरूरी है। कोर्ट तीन जिलों में चयनित जगहों पर कटान के लिए राजी हो गया है। करीब तीन दशक से हिमाचल में ग्रीन फैलिंग पर पूरी तरह से रोक है। रोक हटने से चीड़, खैर, साल के पेड़ काटे जा सकेंगे।

-डॉ. जीएस गोराया, पीसीसीएफ, हिमाचल प्रदेश।

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