गोमूत्र से तैयार ब्रह्मास्त्र करेगा शत्रु कीट का सफाया

कृषि विभाग ब्रह्मास्त्र को तैयार करने की किसानों व बागवानों को विधि बता रहा है। रसायनिक खादों के अधिकाधिक प्रयोग के कारण जमीन की उर्वरा शक्ति कम हो गई है।

By Edited By: Publish:Wed, 06 Mar 2019 03:31 PM (IST) Updated:Thu, 07 Mar 2019 03:01 AM (IST)
गोमूत्र से तैयार ब्रह्मास्त्र करेगा शत्रु कीट का सफाया
गोमूत्र से तैयार ब्रह्मास्त्र करेगा शत्रु कीट का सफाया

मंडी, जेएनएन। फसल व फलदार पौधों को शत्रु कीटों से बचाने के लिए अब महंगी रसायनिक दवा का इस्तेमाल बीते दिनों की बात हो जाएगी। गोमूत्र से तैयार ब्रह्मास्त्र अब फसल व पौधों को न केवल शत्रु कीटों से बचाएगा बल्कि इनका पूरी तरह सफाया भी करेगा। किसान व बागवान घर बैठे शून्य लागत से ब्रह्मास्त्र बनाकर फसलों को विभिन्न रोगों से बचा सकेंगे।

शिवरात्रि महोत्सव में कृषि विभाग ब्रह्मास्त्र को तैयार करने की किसानों व बागवानों को विधि बता रहा है। रसायनिक खादों के अधिकाधिक प्रयोग के कारण जमीन की उर्वरा शक्ति कम हो गई है। इससे उत्पादों की गुणवत्ता भी अब पहले जैसी नहीं रह गई है। पारंपरिक फसलों के साथ नकदी फसलों को विभिन्न रोग चपेट में ले रहे हैं। फसल को रोगों से बचाने के लिए महंगी कीटनाशक दवा बाजार में मिल रही है। किसान व बागवान हजारों रुपये खर्च कर फसल व पौधों को रोग से बचाने के लिए खर्च कर रहे हैं। इसके बावजूद अधिकतर स्थानों पर किसानों को राहत नहीं मिल रही है।

ये बनाएं

गोमूत्र से ब्रह्मास्त्र शत्रु कीटों को पनपने से रोकने के लिए ब्रह्मास्त्र कारगर भूमिका निभाएगा। इसके लिए किसान को सबसे पहले गोमूत्र की जरूरत रहेगी। गोमूत्र को एकत्रित कर आम, अमरूद, दरेक व भांग के पत्तों समेत बसूटी के पत्तों को पीस कर गोमूत्र में डालना होगा। किसी बर्तन में इस घोल को उबालने के बाद इसे कपड़े से छान लेना है। पंप की मदद से खेतों व बगीचों में छिड़काव करने से फसल व पौधों से शत्रु कीट दूर भाग जाएंगे। दो-तीन लीटर घोल में 100 लीटर पानी मिलाने के बाद पंप से छिड़काव करें। महज 48 घंटे में ब्रह्मास्त्र में छह माह तक कीटों का सफाया करने की क्षमता रहती है।

फसल व फलदार पौधों को कई बार बीमारी अपनी चपेट में ले लेती है। इसके लिए शत्रु कीट पूरी तरह जिम्मेदार रहते हैं। गोमूत्र से तैयार ब्रह्मास्त्र से फसल को शत्रु कीटों व विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाया जा सकता है। किसान-बागवान घर में शून्य लागत से इसका निर्माण कर सकता है।

शुभम, असिस्टेंट टेक्नोलॉजी मैनेजर, आतमा प्रोजेक्ट।

chat bot
आपका साथी