दूषित जल रखें दूर, पौष्टिक भोजन लें भरपूर

कोरोना कॉल के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग जलजनित रोगों के बारे में भी सजग है। मानसून आते ही दूषि

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 04:22 PM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 04:22 PM (IST)
दूषित जल रखें दूर, पौष्टिक भोजन लें भरपूर
दूषित जल रखें दूर, पौष्टिक भोजन लें भरपूर

कोरोना कॉल के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग जलजनित रोगों के बारे में भी सजग है। मानसून आते ही दूषित पेयजल की समस्या अधिक रहती है और इस कारण डायरिया, हैजा, पीलिया व डेंगू आदि बीमारी होने का खतरा रहता है। बारिश के मौसम में बच्चों को संक्रमण का सबसे अधिक खतरा रहता है। साथ ही कोरोना वायरस से बचाव और उससे लड़ने के लिए क्या कार्य हो रहे हैं इन्हीं सवालों पर जोगेंद्रनगर के राजेश शर्मा ने जोगेंद्रनगर सिविल अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी एवं शिशु रोग विशेषज्ञ रोशन लाल कौंडल से बातचीत की। पेश है कुछ अंश..।

-कोरोना का कहर जारी है। अब जलजनित रोगों का भी खतरा है क्या तैयारी है?

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए तो स्वास्थ्य विभाग पहले ही तैयार है। लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। अब तक 5000 से अधिक टेस्ट हो चुके हैं और 20 के करीब संक्रमित मामले सामने आए जिनसे कुछ ठीक हो चुके हैं। अब बरसात के कारण जलजनित रोगों के मरीज भी आ रहे हैं। पिछले 20 दिन में 200 के करीब मरीज अस्पताल आए हैं। इनको पूरा उपचार दिया गया है। अस्पताल में जुकाम, बुखार के मरीजों के लिए अलग व्यवस्था है।

-जल जनित रोग क्या हैं, कैसे हैं लक्षण ?

दूषित पानी का सेवन जल जनित रोगों का मुख्य कारण है। घरों की छतों में रखी गई टंकियों के दूषित पानी रसोई घर में इस्तेमाल होने से हैजा, पीलिया, डायरिया जैसी गंभीर बीमारियों को न्योता देता है। इसलिए आवश्यक है कि पानी की टंकियों की नियमित सफाई रखें। पानी उबला हुआ ही पिएं। उल्टी, दस्त, शरीर में जकड़न, तेज बुखार, कमजोरी जल जनित रोगों के लक्षण हैं।

बारिश के मौसम में बच्चों का कैसे ख्याल रखें?

बरसात के मौसम में बच्चे अधिक उत्साहित होकर बारिश के पानी में भीगने का आनंद उठाते हैं। बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है इसलिए अधिक बीमार पड़ते हैं। बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए उन्हें विटामिन सी से भरपूर चीजें जैसे मौसमी, संतरा, नींबू, आंवला आदि खिलाना चाहिए। साथ ही बाहर के बजाय बच्चों को घर का खाना ही खिलाए।

-नवजात शिशुओं के लिए क्या एहतियात बरतें?

बरसात के मौसम में कभी धूप कभी बारिश का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में बच्चों को सूती कपड़े पहनाने से उन्हें आराम मिलता है। नवजात शिशुओं के शरीर को सूती के अलावा खादी वस्त्र भी पहनाए जा सकते हैं। बच्चे के पसीने के रूप में निकलने वाली टॉक्सीन को सूती और खादी कपड़े सोख लेते हैं। साथ ही अस्पताल के चिकित्सक से परामर्श जरूर लें और घर में आवश्यक दवाएं रखें।

-अस्पताल में जलजनित रोगों से निपटने के क्या उपाय हैं?

उपमंडलीय अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवा, ओआरएस का घोल और ग्लूकोज की भी बड़ी खेप मौजूद है। अनुभवी चिकित्सक जलजनित रोगों से निपटने के लिए ओपीडी में पहुंच रहे मरीजों को उपचार दे रहे हैं वहीं स्वास्थ्य विभाग की और से आशा वर्कर घर-घर जाकर लोगों को जल जनित रोगों से निपटने के लिए जागरूक कर रही हैं।

-लोगों के लिए कोई सलाह?

कोरोना के साथ हमें जलजनित रोगों से भी बचना है। कोरोना से बचने के लिए घर से जरूरत पड़ने पर ही निकलें और एक मीटर की दूरी और मास्क के नियम का पालन करें। बरसात में हमारा पाचनतंत्र कमजोर हो जाता है। इसके लिए हमें हल्का भोजन घर पर ही करना चाहिए। हमारा खान पान ही हमें जलजनित रोगों से बचाने का बेहतर उपाय है। घर में फर्श की सफाई फिनायल से करें। कुछ भी खाने से पहले हाथ अच्छी तरह से धोएं।

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