मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन में बदलने से पर्यटन को लगेंगे पंख: जयराम

विस्थापित नए कानून के प्रावधानों के तहत चार गुणा मुआवजे की मांग को लेकर लंबे समय से आवाज बुलंद कर रहे हैं।

By BabitaEdited By: Publish:Fri, 05 Jan 2018 01:54 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jan 2018 04:32 PM (IST)
मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन में बदलने से पर्यटन को लगेंगे पंख: जयराम
मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन में बदलने से पर्यटन को लगेंगे पंख: जयराम

मंडी, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि फोरलेन विस्थापितों का मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। प्रदेश सरकार भी अपने स्तर पर प्रभावितों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री जयराम वीरवार को परिधिगृह मंडी में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा, फोरलेन विस्थापितों को मुआवजा देने में हुई अनियमितता का मामला सरकार के ध्यान में आया है। कीरतपुर से नागचला तक फोरलेन का काम कई माह से बंद पड़ा हुआ है। इन सभी मसलों को लेकर शुक्रवार को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी शिमला तलब किए गए हैं। अधिकारियों का पक्ष जानने के बाद फोरलेन के बंद कार्य को जल्द दोबारा शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे।

 

बकौल जयराम ठाकुर, मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग सामरिक व पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वूपर्ण है। इस राजमार्ग के फोरलेन में बदलने से यातायात सुगम होगा। प्रदेश को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम शिमला लौट गए।

 

क्या है मामला

पूर्व की कांग्रेस सरकार ने 2013 के सर्किल रेट के आधार पर फोरलेन विस्थापितों को मुआवजा दिया है।

इससे विस्थापितों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिल पाया है। विस्थापित नए कानून के प्रावधानों के तहत चार गुणा मुआवजे की मांग को लेकर लंबे समय से आवाज बुलंद कर रहे हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने केंद्र से लेवी चार्ज के रूप में नौ प्रतिशत राशि वसूली है, जो करीब 2200 करोड़ है।

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