जोगेंद्रनगर अस्पताल में नहीं मिल रहे ग्लूकोज व सर्जिकल ग्लब्ज

बरसात में अचानक बढ़ी मरीजों की आमद के बीच ग्लूकोज और जीवन रक्ष्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Aug 2022 06:19 PM (IST) Updated:Wed, 24 Aug 2022 06:19 PM (IST)
जोगेंद्रनगर अस्पताल में नहीं मिल रहे ग्लूकोज व सर्जिकल ग्लब्ज
जोगेंद्रनगर अस्पताल में नहीं मिल रहे ग्लूकोज व सर्जिकल ग्लब्ज

संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : बरसात में अचानक बढ़ी मरीजों की आमद के बीच ग्लूकोज और जीवन रक्षक दवाओं की खेप न पहुंचने से जोगेंद्रनगर अस्पताल में मरीजों की दिक्कतें बढ़ गई है। तिमारदारों को मेडिकल स्टोर से ग्लूकोज तक खरीदना पड़ रहा है। ब्लड प्रेशर और एंटीबायोटिक दवा भी अस्पताल में नहीं मिल पा रही है। सर्जिकल ग्लब्ज भी अस्पताल के स्टाफ को बड़ी मुश्किल से मिल पा रहे हैं।

आपदा प्रबंधन नियम के तहत पुख्ता इंतजामों के आदेश हो चुके थे। बावजूद इसके जोगेंद्रनगर अस्पताल में ग्लूकोज व जीवन रक्षक दवा की खेप नहीं पहुंच पाई है। मरीजों को पैसे खर्च कर महंगी दवा भी खरीदनी पड़ रही है। प्रत्येक मरीज को रोजाना 200 से 300 रुपये दवा और ग्लूकोज पर खर्च करने पड़ रहे हैं। अस्पताल में इस अव्यवस्था का खामियाजा चिकित्सक स्टाफ भी भुक्त रहा है।

सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा. रोशन लाल कौंडल ने बताया कि दवा और ग्लूकोज की कमी बनी हुई है और इनकी शीघ्र आपूर्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है।

अस्पताल में इन दवाओं का संकट

अस्पताल में नोरमल सैलाइन (एनएस), रिगर लैक्टेट (आर एल), डेस्टरोल नोरमल सेलाइन (डीएनएस) के अलावा डेस्टरोल 5, 10, 25 प्रतिशत ग्लूकोज की बोतलें नहीं मिल रही हैं। सिपरोफलेक्सिन और मेटरोनीडलोइज की बोतलें नहीं हैं। ब्लड प्रेशर, शूगर और एंटीबायोटिक समेत 50 दवाओं का अभाव बना हुआ है। सिविल अस्पताल लडभड़ोल, चौंतड़ा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लांगणा, मकरीड़ी में भी इनका आभाव है।

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केस स्टडी

अस्पताल के महिला रोगी वार्ड में उल्टी दस्त की बीमारी से दाखिल मरीज अनीता देवी व 78 वर्षीय कोटला निवासी देवू के स्वजन को भी ग्लूकोज बाहर से लाना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार सुविधाओं के दावे करती है लेकिन दवाएं न होना बड़ी चूक है।

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