हिमतरू ने कुल्लू नवाजी प्रतिभाएं

हिमतरू प्रकाशन समिति ने अपना 13वां स्थापना दिवस समारोह ढालपुर स्थित देवसदन में मनाया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 07:20 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 07:20 PM (IST)
हिमतरू ने कुल्लू नवाजी प्रतिभाएं
हिमतरू ने कुल्लू नवाजी प्रतिभाएं

जागरण संवाददाता, कुल्लू : हिमतरू प्रकाशन समिति ने अपना 13वां स्थापना दिवस समारोह ढालपुर स्थित देवसदन में मनाया। कुल्लू के विधायक सुंदर ¨सह ठाकुर मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने हिमतरू के राज्यस्तरीय सम्मान समारोह में विशेष प्रतिभाओं को सम्मानित किया। यह कार्यक्रम कला भाषा एवं संस्कृत अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। देवसदन में साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

कुल्लू जिला से संबंध रखने वाले लोक गायक धर्मेंद्र शर्मा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, कांगड़ा से वीरेंद्र शर्मा तथा मंडी से पवन चौहान को साहित्य के लिए, ठियोग से किशन वर्मा को लोक-गायन के लिए, कांगड़ा से संजय शर्मा को समाजसेवा के लिए हिमतरू राज्य सम्मान प्रदान किया गया। इनके अलावा एनएचपीसी को सामुदायिक सेवा हेतु पुरस्कृत किया गया। रक्षा जसवाल पालमपुर को महिला सशक्तीकरण, डॉ. रूपेश्वरी शर्मा मंडी तथा डॉ. देवकन्या ठाकुर शिमला को रचनात्मक कार्यो के लिए सम्मानित किया गया। नेहरू युवा केंद्र के समन्वयक लाल ¨सह को युवाओं के विकास हेतु प्रेरक के रूप में और बहुमुखी प्रतिभा के धनी कुल्लू से संबंध रखने वाले दुर्गा प्रसाद को कला के क्षेत्र में हिमतरू राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

हिमतरू राज्य सम्मान के अतिरिक्त तीन अन्य विभूतियों को बेहतर सेवाओं के लिए प्रशस्ति पत्र तथा स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित किया। इनमें बीएसएनल के एसडीओ धर्मेश गुप्ता, महेंद्र पालसरा तथा नन्ही पर्वतारोही कल्पना ठाकुर प्रमुख हैं। इस अवसर पर हिमतरू के सलाहकार युवराज बोध, इंदु पटियाल, सभापति गणेश गन्नी, सचिव किशन सहित तमाम सदस्य और सूत्रधार के अध्यक्ष दिनेश सेन, डोला ¨सह महंत, जयदेव विद्रोही व डॉ. सूरत ठाकुर सहित अन्य भी मौजूद रहे।

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संगोष्ठी में पढ़ी रचनाएं

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में साहित्यिक संगोष्ठी में जयदेव विद्रोही, सत्यपाल भटनागर, डॉ. सूरत ठाकुर, सतीश चंद्र कौड़ा, सरला चम्बयाल, कृष्ण चंद्र, वीरेंद्र शर्मा, पवन चौहान, ईश्वरी कुमारी शर्मा, दीपक शर्मा, सुनीता ठाकुर, शिव ¨सह पाल, दोतराम पहाड़िया, इंदु भारद्वाज, इंदु पटियाल, गणेश गन्नी ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।

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