हिमाचल में प्लास्टिक कटलरी पर प्रतिबंध, पत्तल व दोने में लीजिए खाने का स्वाद

हिमाचल में अब प्लास्टिक कटलरी परे पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है इसके स्‍थान पर अब पत्तल और दोने का इस्तेमाल किया जाएगा।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Sat, 25 Jan 2020 08:21 AM (IST) Updated:Sat, 25 Jan 2020 08:21 AM (IST)
हिमाचल में प्लास्टिक कटलरी पर प्रतिबंध, पत्तल व दोने में लीजिए खाने का स्वाद
हिमाचल में प्लास्टिक कटलरी पर प्रतिबंध, पत्तल व दोने में लीजिए खाने का स्वाद

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल में अब प्लास्टिक की कटलरी (प्लेट, चम्मच, स्ट्राव कटोरी) पर पूर्ण प्रतिबंध लग गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर अब सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। इसके स्थान पर अब पत्तल और डोने का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए जयराम सरकार ने 20 सितंबर 2019 को प्लास्टिक के कप-प्लेट पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन दुकानदारों को स्टॉक खत्म करने के लिए तीन माह का समय दिया था। यह मोहलत पूरी होने पर अब 26 जनवरी से प्लास्टिक की कटलरी पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। 

सरकार ने प्लास्टिक की कटलरी के विकल्प उपलब्ध करवा दिए हैं। इसके लिए कई पंचायतों में पत्तल व डोने बनाने की मशीनें लगाई हैं। सरकार ने स्वयं सहायता समूहों को अनुदान पर पत्तल इत्यादि बनाने की मशीनें भी उपलब्ध करवा दी हैं। प्लास्टिक के कप-प्लेट इस्तेमाल करने पर 500 से लेकर 25 हजार रुपये तक जुर्माना देना होगा।   

 प्लास्टिक पर फैसले

जनवरी 1999 में रंगदार पॉलीथीन के लिफाफों पर प्रतिबंध जून 2004 को 70 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलीथीन के थैलों पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला राज्य बना। 2 अक्टूबर 2009 को पॉलीथीन के थैलों पर प्रतिबंध । जुलाई 2013 में पॉलीथीन में पैक्ड कुरकुरे, चिप्स आदि 25 आइटमों पर प्रतिबंध मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित। सितंबर 2018 थर्मोकोल की प्लेटों, गिलास व कटोरी पर प्रतिबंध 25 अक्टूबर को प्लास्टिक की कटलरी प्लेटों, चम्मच आदि पर प्रतिबंध। 

 प्लास्टिक के राष्ट्रीय ध्वज न करें उपयोग

प्रदेश सरकार ने आम जनता से अपील की है कि विभिन्न राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों के दौरान प्लास्टिक के झंडे के स्थान पर कागज से बने राष्ट्रीय झंडे का उपयोग करें। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 के प्रावधानों के अनुसार प्लास्टिक के झंडों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए और किसी भी गतिविधि के बाद झंडे को जमीन पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। सरकार ने लोगों से आग्रह किया है कि फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के प्रावधानों पर अमल करें।

26 जनवरी से प्रदेश में केवल एक बार प्रयोग होने वाली प्लास्टिक की कटलरी जैसे चम्मच, प्लेट, कटोरी आदि पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। इसके लिए विकल्प जैसे कागज की प्लेटें, गिलास, पत्तल, डोने आदि उपलब्ध हैं।

-अनिल खाची, मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश

प्लास्टिक के माइक्रोक्रिस्टल कैंसर पैदा करते हैंं। गर्म खाना खाने से प्लास्टिक के अंश घुल जाते हैं और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है।

-डॉ. जनकराज, चिकित्सा अधीक्षक, आइजीएमसी शिमला 

अब भी करोड़ों रुपये की प्लास्टिक कटलरी बची है। प्रदेश में प्लास्टिक के चम्मच, प्लेटें, कटोरी आदि बनाने के उद्योग चल रहे हैं। उद्योग के लिए कर्ज ले रखा है, ऐसे में उन्हें बहुत नुकसान होगा। सरकार से 30 अप्रैल तक समय मांग रहे हैं। अभी तक मांग के अनुरूप इसका विकल्प भी नहीं तैयार हुआ है।

-सुमेश शर्मा, अध्यक्ष व्यापर मंडल, हिमाचल प्रदेश 

सिंगल यूज प्लास्टिक पर जुर्माना 

मात्रा                   जुर्माना रुपये में

100 ग्राम तक          500

101-500 ग्राम         1500

 501-1 किलो          3000

1 किलो-5 किलो      10000

5 किलो-10 किलो    20000

10 किलो से अधिक  25000 

संस्थान, होटल, ढाबा, दुकान, मंदिर, धर्मशाला, सामुदायिक भवन, पार्क और जंगल में पाए जाने पर पांच हजार रुपये जुर्माना। घरों में पाए जाने पर एक हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान। 

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