कृमिनाशक दवा खाने से बीमार हुए 12 बच्चे, सात अस्पताल में पहुंचाए

सहयोगी, बालीचौकी : बालीचौकी शिक्षा खंड के तहत आने वाली राजकीय उच्च पाठशाला धवेहड़ में कृ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Nov 2018 10:21 PM (IST) Updated:Thu, 01 Nov 2018 10:21 PM (IST)
कृमिनाशक दवा खाने से बीमार हुए 
12 बच्चे, सात अस्पताल में पहुंचाए
कृमिनाशक दवा खाने से बीमार हुए 12 बच्चे, सात अस्पताल में पहुंचाए

सहयोगी, बालीचौकी : बालीचौकी शिक्षा खंड के तहत आने वाली राजकीय उच्च पाठशाला धवेहड़ में कृमि मुक्ति दिवस के दौरान दवाई खाने से एक दर्जन बच्चों के बीमार होने का समाचार मिला है। दोपहर बाद मिड-डे मील खाने के बाद पाठशाला प्रबंधन की ओर से बच्चों को दवाई खिलाई गई, लेकिन ढाई बजे के बाद कुछेक बच्चों को उल्टीया आनी शुरू हो गई, जिस पर पाठशाला प्रबंधन ने स्थानीय आशा कार्यकर्ता को बुलाया। इस दौरान विशाल, भीमा, पीयूष, कमल किशोर, श्याम सिंह, हुक्म व पुन्य कुमार को आत्याधिक मात्रा में उल्टी-दस्त शुरू होने के कारण सीएचसी बालीचौकी ले जाया गया। 7 बच्चों को लगातार उल्टी के साथ दस्त आने भी शुरू हो गए। मामला गंभीर होता देखकर पाठशाला के अध्यापकों ने 108 को सूचना दी, जिस पर बालीचौकी स्थित सीएचसी पंहुचाया गया। सीएचसी में कार्यरत चिक्तिसक द्वारा बच्चों का उपचार किया गया। दो छात्रों को अस्पताल में ग्लूकोज चढ़ाया गया। उपचार के बाद सभी छात्रों को घर भेज दिया गया।

बालीचैकी अस्पताल में छात्रों ने बताया कि उन्हें इस दौरान एलबेंडाजोल के साथ साथ आयरन फोलिक एसिड नामक दवा भी खिलाई गई। दूसरी ओर स्वास्थय विभाग के सूत्रों ने बताया कि आयरन फोलिक एसिड नामक दवा पाठशाला में हर बुधवार को खिलाई जाती है लेकिन पाठशाला में छात्रों को दोनों दवाएं एक साथ क्यों दी गई, इस बारे सबंधित आशा कार्यकर्ता व स्कूल प्रबंधन से बातचीत की जाएगी।

दूसरी ओर क्षेत्र में बच्चों के एकाएक बीमार होने के कारण अभिभावकों में भी हड़कंप मच गया और मनरेगा कार्य में लगे बच्चों के अभिभावक भी आनन-फानन में बालीचौकी पंहुचना शुरू हो गए। हालाकि समय पर इलाज मिलने के कारण क्षेत्र में एक बड़ी घटना के टलने से लोगों ने राहत की सास ली है।

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उक्त दवा खाने के बाद कई बार बच्चों में इस तरह की दिक्कतें आती हैं। सीएचसी में सात बच्चों को प्राथमिक उपचार के उपरात छुट्टी दे दी गई है।

-डॉ. मुनीश, एमओ, सीएचसी बालीचैकी।

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