हर तीसरे दिन अंधेरे में होती हैं घाटी की दो पंचायतें

जिला कुल्लू की सैंज उपतहसील की रैला व रैला-दो पंचायतों में कई साल से हर तीसरे-चौथे दिन शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 03:37 AM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 03:37 AM (IST)
हर तीसरे दिन अंधेरे में होती हैं घाटी की दो पंचायतें
हर तीसरे दिन अंधेरे में होती हैं घाटी की दो पंचायतें

सपना शर्मा, सैंज

जिला कुल्लू की सैंज उपतहसील की रैला व रैला-दो पंचायतों में कई साल से हर तीसरे-चौथे दिन शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है। हालांकि विभाग के कर्मचारी सुबह होते ही अपने कार्य में डट जाते हैं और लाइन दुरुस्त करते हैं लेकिन इस बात की गारंटी नहीं होती कि बिजली कितने समय तक रहेगी।

बता दें कि रैला व रैला-दो पंचायतों की तकरीबन 3000 की आबादी को एक ही लाइन से बिजली मिलती है। यह पूरी लाइन थोड़ी सी हवा होने पर बंद हो जाती है। विभाग ने सैंज-न्यूली 11 केवी लाइन से सोती में रैला के लिए लाइन दी है लेकिन इस लाइन का पहला स्पेन इतना लंबा है कि किसी भी पक्षी के बैठने या थोड़ी सी हवा होने पर तीनों तार आपस में टकरा जाते हैं। किसी भी गांव के ट्रांसफार्मर में फाल्ट आने पर पूरी लाइन बंद हो जाती है।

रैला पंचायत के जीवा, रैला, बागीधार, डाहरा, शुलगा, बिहाली तथा रैला-दो पंचायत के शरोह, शेतीटोल, मंझग्रां, गोरण, घाट, घाटसेरी, पाशी, खड़ंगचा, मझारना, शारण व भूपन सहित अन्य गांवों के लोगों को बिजली की आंख मिचौनी के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण दिवेश शर्मा, आशु, हैप्पी, निरत, नरेंद्र कुमार, जितेंद्र का कहना है कि बिजली बोर्ड लंबे अरसे से दोनों पंचायतों के सैकड़ों बाशिदों की अनदेखी कर रहा है। विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि सप्ताह में विभाग ने लाइन में सुधार नहीं किया तो ग्रामीण विभाग के कार्यालय का घेराव करने को मजबूर होंगे ।

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दोनों पंचायतों में शनिवार रात बिजली की समस्या की सूचना मिली थी जिसे सुबह ही विभाग के कर्मचारी ने ठीक कर दिया है। विभाग में कर्मचारियों की कमी के कारण रात को विद्युत आपूर्ति बहाल करने में दिक्कत आ रही है।

-एनके शर्मा, कनिष्ठ अभियंता बिजली बोर्ड सैंज।

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