कशिश की परवरिश को आगे आए विपिन सिंह परमार, बेसहारा बच्ची की पढ़ाई व अन्य जरूरतें करेंगे पूरा
कोरोना संक्रमण से कई लोगों ने अपने सगे और करीबी खोये हैं। कोरोना से कई लोग असमय मौत का ग्रास बने हैं जिससे देश-प्रदेश में हजारों ऐसे बच्चों की भी सामने आए हैं जिनके माता पिता कोरोना के शिकार बने और यह अनाथ हो गए हैं।
पालमपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से कई लोगों ने अपने सगे और करीबी खोए हैं। कोरोना से कई लोग असमय मौत का ग्रास बने हैं जिससे देश-प्रदेश में हजारों ऐसे बच्चों की भी सामने आए हैं जिनके माता पिता कोरोना के शिकार बने और यह बेसहारा हो गए हैं। सुलह हलके के डगेरा गांव की अभागी कशिश राणा भी इसमें शामिल है। जो मात्र आठ वर्ष की आयु में ही बेसहारा हो गई है।
कशिश के पिता रिंकू राणा की पहले ही मौत हो गयी थी कि इसकी माता सुनीता देवी को कोरोना ने अपना शिकार बना लिया। पिता का साया पहले ही सर से उठ गया था कि माता के भी असमय देहांत से छोटी सी बच्ची पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। छोटी सी उम्र में कुछ सोचने और समझने में असमर्थ कशिश चुपचाप आने जाने वालों की ओर टकटकी लगाए रहती है कि उसकी मां भी आएंगी। विधान सभा अध्यक्ष, विपिन सिंह परमार इस घटना की जानकारी के बाद आगे आए और इन्होंने कशिश राणा को गोद लेकर इसकी पढ़ाई लिखाई एवं अन्य सभी खर्चों की जिम्मेवारी अपने ऊपर ली है।
आज विधान सभा अध्यक्ष, कशिश के घर डगेरा पहुंचे और परिजनों से भेंट कर इस घटना पर दुख जताया। उन्होंने अपनी तथा सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस बेटी की परवरिश में कहीं पर कोई कमी नहीं अाने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार भी अपनी ओर ऐसे बच्चों की सहायता के लिए कदम उठा रही है, जिन्होंने अपनों को इस महामारी केे दौरान खोया है, इसलिए सभी लोग भी ऐसे कार्यों को लेकर आगे आएं ताकि कोई भी बेसहारा न रह जाए।