यहां अंतिम संस्कार के लिए दो बार लाना पड़ा शव, यह है वजह
भोरंज उपमंडल की कड़ोहता पंचायत में 90 वर्षीय बुजुर्ग का शव अंतिम संस्कार के लिए दो बार श्मशानघाट लाना पड़ा। सीताराम दो दिन से बीमार था। उसे स्वजन उपचार के लिए वीरवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लदरौर ले गए। स्वास्थ्य ठीक न होने पर मेडिकल कालेज हमीरपुर ले जाया गया।
लदरौर, संवाद सहयोगी। भोरंज उपमंडल की कड़ोहता पंचायत में 90 वर्षीय बुजुर्ग का शव अंतिम संस्कार के लिए दो बार श्मशानघाट लाना पड़ा। सीताराम दो दिन से बीमार था। उसे स्वजन उपचार के लिए वीरवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लदरौर ले गए। स्वास्थ्य ठीक न होने पर मेडिकल कालेज हमीरपुर ले जाया गया। वहां पर चिकित्सकों द्वारा उसकी जांच की और उसके बाद उसकी मौत हो गई।
मृत्यु के बाद जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम करने के बाद स्वजन को सौंप दिया गया। जैसे ही शुक्रवार को करीब 11 बजे शव को स्थानीय श्मशानघाट में अंतिम संस्कार के लिए लाया गया तो उनके ही एक रिश्तेदार ने पुलिस को सूचित करके कोरोना संक्रमित होने की बात कही। रिश्तेदार की सूचना पर भोरंज पुलिस ने मौके के पहुंचकर श्मशानघाट से शव को कब्जे में लेकर दोबारा जिला अस्पताल भेज दिया। वहां से मिली रिपोर्ट में मृतक कोरोना संक्रमित पाया गया। उसके बाद पुलिस की निगरानी में शव को दोबारा स्वजन को सौंपा गया और स्थानीय श्मशानघाट में दूसरी बार सीताराम के शव को लाकर अंतिम संस्कार किया गया।
सीताराम की कोई भी औलाद नहीं है तथा पत्नी भी अलग रहती है। धमरोल हैप्पी युवक क्लब के सदस्यों ने बुजुर्ग सीताराम का स्थानीय श्मशानघाट में अंतिम संस्कार किया।
उधर, कड़ोहता पंचायत के वार्ड पंच कपिल ने पुष्टि करते हुए कहा कि सीतराम कोरोना संक्रमित था और उसके शव को दो बार श्मशानघाट पर अंतिम संस्कार करने के लिए लाया गया। हैप्पी युवक के क्लब के सदस्यों द्वारा ङ्क्षहदू रीति रिवाज के तहत अंतिम संस्कार किया गया।
वहीं, स्थानीय पंचायत प्रधान संध्या देवी का कहना है बुजुर्ग सीताराम का अंतिम संस्कार कर दिया गया है अब किसी प्रकार की घबराने की बात नहीं है।