Jagran Sanskarshala:सोशल मीडिया पर सही ढंग से हो विचारों का आदान प्रदान :तरसेम कुमार

सेक्रेड सोल कैंब्रिज स्कूल नूरपुर के प्रधानाचार्य तरसेम कुमार का कहना है कि सोशल मीडिया या डिजिटल मीडिया नई सदी के नई क्रांति है। जिसने अल्प समय में दुनिया के लगभग हर देश पर अपना प्रभुत्व जमा लिया है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Thu, 22 Sep 2022 06:50 PM (IST) Updated:Thu, 22 Sep 2022 06:50 PM (IST)
Jagran Sanskarshala:सोशल मीडिया पर सही ढंग से हो विचारों का आदान प्रदान :तरसेम कुमार
सोशल मीडिया पर सही ढंग से विचारों का आदान प्रदान किया जाना चाहिए।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। सेक्रेड सोल कैंब्रिज स्कूल नूरपुर के प्रधानाचार्य तरसेम कुमार का कहना है कि सोशल मीडिया या डिजिटल मीडिया नई सदी के नई क्रांति है। जिसने अल्प समय में दुनिया के लगभग हर देश पर अपना प्रभुत्व जमा लिया है। वैसे तो मनुष्य चिरकाल से विभिन्न माध्यमों के द्वारा अपने विचारों को सांझा करता रहा है,परंतु सोशल मीडिया ने दो दशकों से आम जनमानस पर जो प्रभाव डाला है वह किसी से छिपा नहीं है। सोशल मीडिया इस दौड़ में सभी साधनों को पीछे छोड़कर काफी आगे निकल चुका है। आज सोशल मीडिया मात्र एक शब्द नहीं बल्कि एक सामाजिक परिवेश बन चुका है जिसने लगभग संपूर्ण विश्व को अपने आगोश में समा लिया है।

ब्लागिंग, स्नैपचैट, लिंक्‍डइन, पिंटरेस्ट, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब, वाट्सएप इत्यादि कंपनियों ने सोशल मीडिया पर अपना दबदबा बना लिया है। वर्तमान समय में दुनिया के लगभग 59 प्रतिशत लोग किसी ना किसी माध्यम से सोशल मीडिया पर अपने विचार, अपने फोटो, वीडियो या फिर अन्य जानकारियां सांझा करते हैं। लेकिन आज यह समय की जरूरत है कि हम सोच समझ कर इसका प्रयोग करें ताकि कोई उपहास का पात्र न बनने पाए। सोशल मीडिया किसी एक सामाजिक वर्ग तक सीमित नहीं है बल्कि एक बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी अपना समय सोशल मीडिया पर व्यतीत करना पसंद करते हैं। सुबह शुरूआत हो या फिर शुभ रात्रि कहने का समय, हर वक्त सोशल मीडिया अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं। परिवार में शिशु के जन्म के खुशी हो या फिर किसी परिजन की मृत्यु का शोक सब कुछ सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्त किया जाने लगा है। यहां तक की राजनीतिक दलों द्वारा चुनावों का प्रचार-प्रसार भी सोशल मीडिया पर होने लगा है। इसके लिए राजनीतिक दलों ने विशेष आईटी सेल भी बनाए हैं जो कि लोगों तक अपने प्रचार प्रसार को प्रभावशाली तरीके से पहुंचाते हैं।

लोग आपस में सरकार या फिर विपक्षी दलों पर खुलकर अपनी क्रियाएं या फिर प्रतिक्रियाएं दर्ज करवाते हैं कई बार तो विशाल जन समूह द्वारा सोशल मीडिया पर उठाई गई किसी मांग को सरकार मानने को विवश हो जाती है। इस सबसे पता चलता है कि आज के संदर्भ में सोशल मीडिया की क्या भूमिका है। आज सोशल मीडिया मात्र एक मनोरंजन के साधन तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि व्यापार के क्षेत्र में भी इसका गहरा असर है। लोग अपने व्यवसाय को प्रोत्साहन देने के लिए सोशल मीडिया पर अपने विज्ञापन देते हैं और इसके त्वरित प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। सोशल मीडिया के केवल लाभ ही नहीं है। सबल पक्ष के साथ इसके कुछ नकारात्मक पहलू भी है जो कि एक सभ्य समाज के लिए चुनौती हैं। 

जब सोशल मीडिया का इतने व्यापक स्तर पर लोगों द्वारा प्रयोग किया जा रहा है तो समाज में कुछ असामाजिक और शरारती तत्व इसका भरपूर फायदा उठाने का प्रयास भी कर रहे हैं। वे सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक आसानी से अपनी पहुंच बना रहे हैं। कई बार तो लोग छोटे बड़े की मर्यादा भी भूल जाते हैं किसी पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते समय कई लोग भाषा की शालीनता, बड़ों का ख्याल तथा मां-बाप के संस्कार तक भूल जाते हैं। सोशल मीडिया पर बने यह विद्वान व्यवहारिक जीवन में दिखाई नहीं देते हैं। अगर समय रहते कुछ कारगर कदम नहीं उठाए गए तो वह दिन दूर नहीं कि सोशल मीडिया समाज के लिए एक भयानक समस्या बन जाएगा।

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