कोरोना संक्रमित पिता का मोबाइल बंद होने पर बेटा मिलने पहुंचा टांडा, डाॅक्टर ने करवाई वीडियो कॉल से बात
Himachal Coronavirus News वैश्विक महामारी कोरोना में कुछ लोग अपनों से दूर हो रहे हैं लेकिन फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स उपचार के साथ मानवता का स्पर्श देने से भी पीछे नहीं हट रहे। कोविड अस्पताल टांडा में कुछ दिन पहले ऐसा ही एक दृश्य बना।
टांडा, जागरण संवाददाता। Himachal Coronavirus News, वैश्विक महामारी कोरोना में कुछ लोग अपनों से दूर हो रहे हैं, लेकिन फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स उपचार के साथ मानवता का स्पर्श देने से भी पीछे नहीं हट रहे। कोविड अस्पताल टांडा में कुछ दिन पहले ऐसा ही एक दृश्य बना। इसमें ड्यूटी पर तैनात विशेषज्ञ ने अपने मोबाइल फोन से कोरोना संक्रमित पिता की उसके बेटे से वीडियो कॉल से बात करवाकर मानवता की मिसाल ही कायम नहीं की, बल्कि बेटे की पिता से मिलने की ख्वाहिश भी पूरी कर दी।
चिंतपूर्णी की नारी पंचायत के रोशन लाल डडवाल कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद टांडा के कोविड अस्पताल में भर्ती थे। स्वजन रोज सुबह सबसे पहले उनसे बात करते थे और शाम को भी बात होती थी। कुछ दिन पहले रात को बात हुई, जब वे सुबह फोन करने लगे तो मोबाइल स्विच ऑफ था। स्वजन परेशान हो गए। बेटा सुनीत डडवाल कार से करीब ढाई घंटे में पहुंचा गया टांडा मेडिकल कॉलेज। यहां कोविड अस्पताल पहुंचकर ड्यूटी पर तैनात स्टाफ को पूरी बात बताई। उन्होंने उस दौरान वहां तैनात विशेषज्ञ डा. अमित जोशी से संपर्क करने को कहा।
डा. अमित जोशी ड्यूटी रूम से बाहर आए तो सुनीत ने उन्हें पिता का मोबाइल स्विच होने के बारे में बताया और उनसे मिलने की इच्छा जताई। डा. जोशी ने उन्हें समझाया कि किसी भी तीमारदार को मरीज से मिलने की इजाजत नहीं है। उनसे मोबाइल फोन से ही संपर्क कर सकते हैं। चाहें तो स्मार्ट फोन दे दो उन तक पहुंचा देंगे, लेकिन रोशन लाल डडवाल स्मार्ट फोन चलाना नहीं जानते थे। फिर डा. जोशी ने उस दौरान सीसीयू में तैनात स्टाफ नर्स के मोबाइल फोन पर वीडियो कॉल की। उन्हें कहा कि फोन को रोशन लाल डडवाल के पास ले जाएं और उनके बेटे की बात करवा दें। ऐसे में दोनों की बात हुई।
इस दौरान रोशन लाल डढवाल ने बताया कि उनके फोन की बैटरी खत्म हो गई थी। इसलिए बंद है, चार्जिंग पर लगाया है। फिर एक दिन सुनीत डडवाल के बच्चों ने दादा से वीडियो कॉल से बात करने व उन्हें देखने की इच्छा जताई। इस पर सुनीत ने आइसोलेशन वार्ड के मोबाइल नंबर पर संपर्क साधा। वहां से सीसीयू वार्ड में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स का नंबर उन्हें दिया गया। जिस पर वीडियो कॉल के माध्यम से उन्होंने बच्चों की उनके दादा के साथ बात करवाई। सुनीत डडवाल ने कहा कि वह इस क्षण को कभी नहीं भुला सकते। संकट की घड़ी में चिकित्सकों व अन्य स्टाफ ने जिस तरह उनका सहयोग किया यह उन्हें हमेशा याद रहेगा।