आयुर्वेद में लगातार शोध की जरूरत: शांता कुमार

शुभारंभ विवेकानंद मेडिकल रिसर्च ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं सांसद शांता कुमार ने आयुर्वेद में लगातार शोध किए जाने पर बल दिया।

By Edited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 07:40 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 12:46 PM (IST)
आयुर्वेद में लगातार शोध की जरूरत: शांता कुमार
आयुर्वेद में लगातार शोध की जरूरत: शांता कुमार

पालमपुर, संवाद सहयोगी। हिमालयन योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (कायाकल्प) की ओर से मांसपेशी विकारों पर शनिवार को दो दिवसीय राष्ट्रस्तरीय संगोष्ठी शुरू हुई। शुभारंभ विवेकानंद मेडिकल रिसर्च ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं सांसद शांता कुमार ने किया।

इस मौके पर उन्होंने आयुर्वेद में लगातार शोध किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा, आयुर्वेद, योग व फिजियोथेरेपी बिना किसी औषधीय प्रयोग के परिचालन की सहायता से बहुत अच्छा चिकित्सीय समाधान प्रदान कर सकता है। आवश्यकता है कि इन विधाओं में हो रहे शोध को समाज में बृहद स्वरूप में बांटा जाए। मांसपेशियों की जकड़ाहट का मुख्य कारण निरंतर बढ़ता तनाव है। ऐसे में ध्यान शरीर की मांसपेशियों को भी तनावमुक्त करने में भूमिका निभा सकता है। इस पर शोध किया जाना चाहिए। आयोजन में अन्ना साहिब अस्पताल महाराष्ट्र के निदेशक डॉ. एसएन ओझा व राजकीय मेडिकल कॉलेज ट्रिवेंद्रम के प्रोफेसर डॉ. एस. गोपाकुमार सहित देशभर से योग, आयुर्वेद एवं यूनानी पद्धति के 86 प्रतिभागियों ने अनुभव साझा किए। इस मौके पर मुख्य वक्ता डॉ. एसएन ओझा ने कहा, मानव शरीर एक दैवीय संरचना है।

हाड़ और मांस से बना शरीर मन-इंद्रिय आत्मा के सहयोग से पूर्ण चेतन होता है। शरीर की भौतिक रचना में हड्डियों व मांसपेशियों की मुख्य भूमिका होती है। दो हड्डियां मिलकर जोड़ बनाती हैं और मांसपेशियां शरीर के परिचालन में ऊर्जा और शक्ति प्रदान करती हैं। मांसपेशियों की कमजोरी से उठने-बैठने में कठिनाई और कभी-कभी तो ठीक से बैठने में भी दिक्कत होती है। जीवन शैली मे बदलाव के कारण आज लोग शरीर संरचना संबंधित रोगों से दो-चार होते हैं। व्यायाम न करने से भी कमरदर्द होता है।

chat bot
आपका साथी