चामुंडा के समीप हैं कई धार्मिक स्थल जो रखते हैं ऐतिहासिक महत्व

श्री चामुंडा नंदिकेश्वर मंदिर के समीप आज भी कई दर्शनीय स्थल हैं जोकि ऐतिहासिक महत्व भी रखते हैं । यहां से पूर्व दिशा की ओर छह किलोमीटर की दूरी पर भतृहरि तथा त्रयंविकेश्वर के मंदिर है ये स्थान ऐतिहासिक महत्व भी रखते हैं।

By Richa RanaEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 10:44 AM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 10:44 AM (IST)
चामुंडा के समीप हैं कई धार्मिक स्थल जो रखते हैं ऐतिहासिक महत्व
श्री चामुंडा नंदिकेश्वर मंदिर के समीप आज भी कई दर्शनीय स्थल हैं जोकि ऐतिहासिक महत्व भी रखते हैं।

योल, सुरेश कौशल। श्री चामुंडा नंदिकेश्वर मंदिर के समीप आज भी  कई दर्शनीय स्थल हैं जोकि ऐतिहासिक महत्व भी रखते हैं। यहां से पूर्व दिशा की ओर छह किलोमीटर की दूरी पर भतृहरि तथा त्रयंविकेश्वर के मंदिर है ,ये स्थान ऐतिहासिक महत्व भी रखते हैं। जब भी कभी श्री चामुंडा मंदिर वाहरी राज्यों से श्रृद्धालु आते हैं तो उन्हें इन ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों के दीदार जरूर करने चाहिए।

महाराजा भतृहरि के परिक्रमण तथा यहां आने पर ही इस स्थान का नाम भतृहरि पड़ा है । इसके साथ ही जालंधर पीठ परिक्रमा में त्रयंविकेश्वर महादेव का वर्णन आने से यह स्थान पौराणिक भी है । अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटक यहां वहुत थोड़े समय में सुगमता से यात्रा कर सकते हैं ‌। यहां से ही दो किलोमीटर दूरी पर वहुत ऊंची पहाड़ी पर भय भजिनी देवी का मंदिर है यह स्थान वडा ही मनोहारी है।

पठियार की ओर से चचिया से यहां पहुंचा जा सकता है। ‌‌‌कटोच वंश के राजा धमंड चंद ने जब पठियार गांव को चंबा के राजा की अधीनता से मुक्त करवाया ओर ओर भयभजिनी देवी के पास एक दुर्ग का निर्माण किया । जिसके अवशेष भी मौजूद है। इसका, उद्देश्य बाहरी आक्रमण की चौकसी रखने के लिए पर्यवेक्षक स्थल के रूप में रहा। यहां से राजा के सैनिक शत्रु आक्रमण का ध्यान रखते थे। अब यह दुर्ग भग्नावस्था में विध्वसित हो चुका है। यह स्थल वैसे भी पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

यही तीन किलोमीटर की दूरी पर उत्तर बाण गंगा के तट पर जिया नामक स्थान पर एक भव्य शिला है जोकि नागा पांडव के नाम से जाना जाता है, यहां की यात्रा एवं प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद पर्यटक बहुत सरलता से उठा सकते है। इसी स्थान पर लाखा मंडल है। जिसे राजा सुकर्म चंद्र ने लाक्षा गृह का निर्माण करवाया था।

chat bot
आपका साथी