अब टांडा में भी होंगे अंग ट्रांसप्लांट

टांडा मेडिकल कॉलेज में मृत व्यक्ति द्वारा किए गए अंगदान को ट्रांसप्लांट करने की सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे पहले यह सुविधा पीजीआइ चंडीगढ़ में ही थी। टांडा मेडिकल कॉलेज में इस विषय पर ही सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें दान किए गए अंगदान को किस तरह ट्रांसप्लांट किया जाएगा

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 04:51 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 04:51 PM (IST)
अब टांडा में भी होंगे अंग ट्रांसप्लांट
मेडिकल कॉलेज टांडा की तरफ से अंगदान करने वाले परिवारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करते हुए मुख्यातिथि। जागरण

कांगड़ा, जागरण संवाद केंद्र । टांडा मेडिकल कॉलेज में मृत व्यक्ति द्वारा किए गए अंगदान को ट्रांसप्लांट करने की सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे पहले यह सुविधा पीजीआइ चंडीगढ़ में ही थी। टांडा मेडिकल कॉलेज में इस विषय पर ही सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें दान किए गए अंगदान को किस तरह ट्रांसप्लांट किया जाएगा, इस विषय पर टांडा मेडिकल कॉलेज के प्रमुख डॉक्टरों और प्रशिक्षु डॉक्टरों के साथ पीजीआइ चंडीगढ़ के सर्जरी और ट्रांसप्लांटेशन के डॉक्टरों ने अपने अनुभवों को साझा किया। 

टांडा में कार्यरत डॉक्टर राकेश चौहान एसोसिएट प्रोफेसर मेडिकल कॉलेज सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट करने का कार्य करेंगे। उन्होंने  इस कार्य का अनुभव पीजीआइ चंडीगढ़ से प्राप्त किया है। डॉ राकेश चौहान के प्रयासों से टांडा मेडिकल कॉलेज में इस सेमिनार का आयोजन और इस सुविधा का जल्दी ही शुरुआत हो पाना मुमकिन हुआ है। डॉक्टर राकेश चौहान ने बताया कि ङ्क्षप्रसिपल टांडा मेडिकल कॉलेज भानु अवस्थी ने उन्हें इस कार्य को करने के लिए पूर्ण सहयोग और मार्गदर्शन  प्रदान किया। जिसके फलस्वरूप  यह सुविधा टांडा में शुरू हो पा रही है।  

टांडा मेडिकल कालेज के प्राचार्य भानु अवस्थी ने बताया मेडिकल कॉलेज टांडा अगले पांच साल के लिए सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट करने की सुविधा के लिए रजिस्टर हो गया है। उन्होंने बताया कि अंगदान की सुविधा के लिए पात्र मिलते ही इस सुविधा को टांडा मेडिकल कॉलेज में शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने  अंगदान के महत्व पर लोगों में अंगदान करने की भावना पैदा करने की अपील भी की। 

उन्होंने कहा कि एक मृत व्यक्ति जिसका शरीर मरने के उपरांत निष्क्रिय हो जाता है। यदि समय रहते उसके महत्वपूर्ण अंगों को कंजरवेट कर लिया जाए तो यह अंग आम जरूरतमंद कई लोगों को नई ङ्क्षजदगी दे सकते हैं। आए दिन कई हादसे होते हैं जिसमें कई लोगों की जान चली जाती है, और कई लोग अपने जीवन बचाने की जद्दोजहद में हॉस्पिटल में दम तोड़ देते हैं। ऐसे में उस मृत व्यक्ति के अंगों को समय रहते सुरक्षित कर लिया जाए किसी जरूरत वाले व्यक्ति को समय रहते दे दिया जाए तो इस संसार में इस कार्य से बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं हो सकता। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज टांडा की तरफ से अंगदान करने वाले परिवारों को स्मृति चिन्ह देकर उनका धन्यवाद किया गया।   

अंगदान करने वाले परिवारों में ऊना से सुषमा  जिन्होंने अपनी किडनी और कॉर्निया, हमीरपुर से वर्षा शर्मा जिन्होंने अपनी किडनी और कॉर्निया, मास्टर आदित्य कटोच आर्मी पब्लिक स्कूल कांगड़ा इन्होंने अपना कॉर्निया, किडनी और लीवर, त्रिलोक ङ्क्षसह कांगड़ा इन्होंने अपनी किडनी और कॉर्निया दान करने के लिए स्वीकृति प्रदान की है, उन्हें सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर निदेशक  मेडिकल एजुकेशन हिमाचल प्रदेश डा. रजनीश पठानिया, टांडा मेडिकल कॉलेज ङ्क्षप्रसिपल भानु अवस्थी, पीजीआइ से किडनी ट्रांसप्लांट हेड डॉ आशीष शर्मा, रोटो पीजीआई नोडल ऑफिसर डॉक्टर विपिन कौशल और डॉक्टर राकेश चौहान एसोसिएट प्रोफेसर सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन टांडा आदि उपस्थित रहे।

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