मरीजों पर भारी, सुविधा की लाचारी

सिविल अस्पताल पालमपुर में मशीनें तो हैं लेकिन निजी कंपनी की ओर से इस सुविधा को लटकाया जा रहा है।

By Edited By: Publish:Tue, 02 Oct 2018 08:50 PM (IST) Updated:Wed, 03 Oct 2018 10:33 AM (IST)
मरीजों पर भारी, सुविधा की लाचारी
मरीजों पर भारी, सुविधा की लाचारी

जागरण संवाददाता, पालमपुर : स्वास्थ्य मंत्री के उपमंडल के सिविल अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा मरीजों को उपलब्ध नहीं हो पाई है। हैरानी की बात तो यह है कि अस्पताल में मशीनें तो हैं लेकिन निजी कंपनी की ओर से इस सुविधा को लटकाया जा रहा है। सिविल अस्पताल पालमपुर को एक संस्था ने पांच डायलिसिस मशीनें दान दी थीं। कागजी कार्रवाई के बाद यह कार्य निजी हाथों में सौंपा गया लेकिन आजतक लोगों को सुविधा नहीं मिल पाई है।

बताया जा रहा है कि जिस कंपनी को यह टेंडर दिया गया है, वह काम ही शुरू नहीं कर पा रही है। इसका कारण कर्मचारियों की तैनाती न होना है। दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन की ओर से पुख्ता तरीके से इस मामले में कार्रवाई न करने के कारण स्वास्थ्य मंत्री ने भी इस पर कड़ा संज्ञान लिया है। गत दिनों धर्मशाला में हुई बैठक में भी इस मामले को उठाया गया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब मजबूरन लोगों को डायलिसिस के लिए डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा या निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। अधिकारियों की मानें तो जिस कंपनी को यह कार्य सौंपा गया है, वह इसमें देरी कर रही है, जबकि अस्पताल की ओर से हर सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है। डायलसिस की सबसे अधिक जरूरत किडनी रोगियों को होती है। इसके लिए निजी अस्पताल में हजारों रुपये वसूल किए जाते हैं।

नवरात्र में शुरू होने की चर्चा धर्मशाला में हुई बैठक में इस सुविधा को नवरात्र तक आरंभ करने के लिए आदेश जारी हुए हैं। अभी तक इस मामले में पुख्ता कार्रवाई होती नहीं दिख रही है। अस्पताल प्रशासन के अधिकारी भी इस मामले पर स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं।

'डायलिसिस की सुविधा शुरू करने के लिए कितना समय लगेगा, यह कह नहीं सकता हूं। जिस कंपनी को यह काम सौंपा गया है वह मानकों के अनुसार कर्मचारी तैनात नहीं कर पा रही है। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है और अब कंपनी हरकत में आई है।'

-डॉ. विनय महाजन, एमएस सिविल अस्पताल पालमपुर

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