घरेलू गैस के लिए हाहाकार, डेढ़ घंटे में बिका ट्रक

ज्वालामुखी शहर में आजकल गैस सिलेंडरों की कमी के चलते लोगों को ?भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। त्यौहारी सीजन सिर पर आ रहे हैं और लोगों को गैस न मिल पाने के कारण लोगों में सरकार के प्रति ?खासी नाराजगी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Sep 2019 10:45 PM (IST) Updated:Wed, 18 Sep 2019 06:36 AM (IST)
घरेलू गैस के लिए हाहाकार, डेढ़ घंटे में बिका ट्रक
घरेलू गैस के लिए हाहाकार, डेढ़ घंटे में बिका ट्रक

जागरण टीम, ज्वालामुखी : ज्वालामुखी शहर में आजकल घरेलू गैस की कमी के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। त्योहारी सीजन सिर पर है। इस कारण गैस न मिलने से लोगों में सरकार के खिलाफ रोष है। हालात ऐसे हैं कि मंगलवार सुबह ज्वालामुखी स्थित भारत गैस एजेंसी में पहुंचा सिलेंडरों से भरा ट्रक डेढ़ घंटे में बिक गया। फिर भी कई लोगों को बिना सिलेंडर के घर जाना पड़ा।

लोगों का कहना है कि प्रदेश में कहीं गैस की किल्लत नहीं है, केवल ज्वालामुखी में ही दिक्कत है। लोगों ने आरोप लगाया कि गैस एजेंसी मालिक से शिकायत की है कि घरेलू गैस सिलेंडर का ट्रक आने से पहले ही पर्चियां काट कर पैसे वसूल कर लिए और लोगों को दरंग में स्थित पशु चिकित्सालय के पास भेज दिया। लेकिन ट्रक के आने में समय लग गया और लोगों को एक घंटे से अधिक समय तक ट्रक के आने का इंतजार करना पड़ा। सैकड़ों लोग सिलेंडर लेने के लिए मौजूद थे। आरोप लगाया कि जब सिलेंडर बांटने की बारी आई तो जवान व जान-पहचान वाले लोग पहले सिलेंडर लेकर चले गए और महिला और बुजुर्ग जो एक घंटे से सिलेंडर की गाड़ी की प्रतीक्षा कर रहे थे उनको अंत में सिलेंडर मिले।

एक बुजुर्ग के पांव पर अफरातफरी में सिलेंडर ही गिर गया और उनकी लंबी बहस हो गई। इसके बावजूद भी लाइनें नहीं लगवाई गई। लोगों ने जिला नियंत्रक कांगड़ा नरेंद्र धीमान से आग्रह किया है कि ज्वालामुखी के भारत गैस एजेंसी के मालिक व प्रबंधक को निर्देश दिए जाएं कि जिस तरह से गैस आवंटित हुई है निकट भविष्य में कभी इस तरह से गैस न बांटी जाए।

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जिन राज्यों से सिलेंडर आते है वहां पर बरसात से जनजीवन अस्त-व्यस्त है और रेलवे सेवाएं प्रभावित हैं। इस कारण घरेलू गैस की कमी आई है।

-अमित मिन्हास, मालिक, गैस एजेंसी।

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चूल्हा जलाने के लिए महिलाएं मजबूर

ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र में लोगों में घरेलू गैस न मिलने से रोष है। महिलाओं का कहना है कि न तो गैस एजेंसी वाले फोन उठाते हैं और न ही उन्हें गैस की गाड़ी के आने का पता चलता है। सिलेंडर लेकर गैस एजेंसी तक आने के लिए उन्हें थ्रीव्हीलर के लिए सौ रुपये देने पड़ रहे हैं। इसके बावजूद गैस नहीं मिल रही है। लोगों ने गैस की आपूर्ति बहाल करने की मांग की है। उधर, खाद्य आपूर्ति निरीक्षक विक्रम का कहना है कि गैस की कमी को जल्द बहाल कर दिया जाएगा।

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