कोरोना ने करवाई लाहुल में काले मटर की वापसी, तीन साल तक नहीं होता खराब; फायदे जान हो जाएंगे हैरान

Black Peas in Lahaul हरे मटर और बाजार की दूरी से तंग आए लोग काले मटर की ओर लौट रहे हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 20 May 2020 09:03 PM (IST) Updated:Thu, 21 May 2020 07:26 AM (IST)
कोरोना ने करवाई लाहुल में काले मटर की वापसी, तीन साल तक नहीं होता खराब; फायदे जान हो जाएंगे हैरान
कोरोना ने करवाई लाहुल में काले मटर की वापसी, तीन साल तक नहीं होता खराब; फायदे जान हो जाएंगे हैरान

मंडी, हंसराज सैनी। हरे मटर और बाजार की दूरी से तंग आए लोग काले मटर की ओर लौट रहे हैं। कोरोना महामारी ने लगभग विलुप्त काले मटर की वापसी जनजातीय क्षेत्र स्पीति में करवा दी है। प्रोटीन, उच्च फाइबर व विटामिन बी से भरपूर काला मटर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, रक्त में शुगर व कॉलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का काम करता है।

लाहुल-स्पीति जिले के स्पीति क्षेत्र के किसान पहले काले मटर का खूब उत्पादन करते थे। दाल के अलावा सत्तू में मिलाकर काले मटर का प्रयोग किया जाता था। काला मटर तीन साल तक खराब नहीं होता है। इसकी बिजाई अप्रैल में होती है। एक बीघा क्षेत्र में करीब पांच किलो बीज लगता है। इससे करीब एक क्विंटल तक पैदावार होती है।

काले मटर (पिसुम सैटिवम वर) की खेती के लिए 10 से 23 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान उपयुक्त माना जाता है। स्पीति वैली में 1230 हेक्टेयर क्षेत्र कृषि योग्य है। 674 हेक्टेयर में मटर व 475 में जौ का उत्पादन होता है। अन्य क्षेत्रों की तरह स्पीति के किसानों ने भी पारंपरिक खेती की बजाय नकदी फसलों की तरफ ध्यान केंद्रित किया और हरे मटर की खेती करना शुरू कर दी। इससे काले मटर की खेती कम होती गई।

किसान अपनी जरूरत के लिए जौ की फसल में काले मटर का बीज डाल देते थे। हरा मटर 15 दिन के अंदर खराब हो जाता है। क्षेत्र के लोगों ने यह भी निर्णय लिया है देश में जब तक कोरोना का पूरी तरह खात्मा नहीं हो जाता है, वे बाहरी क्षेत्र से दालें व सब्जी नहीं मंगवाएंगे।

इन क्षेत्रों में सबसे अधिक बिजाई

स्पीति के शगनम, कुंगरी, टेलिंग, मुदद, खर,काजा, सुमलिंग, तोवनम, रंगरीक, लंगचा व हंसा से लेकर लोसर तक काले मटर की खेती होती है। हालात को देखते हुए इस साल इन क्षेत्रों में पहले की अपेक्षा काले मटर की अधिक बिजाई की गई है।

दालें न आईं तो काले मटर से चलाएंगे काम

कोरोना महामारी के चलते वर्तमान में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लोग बाहरी क्षेत्र से दालें नहीं मंगवाना चाहते हैं, इसलिए इस बार काले मटर की अधिक बिजाई की गई है। -तेंजिम डोलमा, लोसर लाहुल स्पीति।

हरे मटर को मार्केट मिलने में था संशय

हमने काले मटर की बिजाई कई साल से बंद कर दी थी। हरा मटर मार्केट तक पहुंचेगा या नहीं इसका कोई पता नहीं। खाद्यान्न की कमी को पूरा करने के लिए काले मटर की बिजाई की है। -गटुकजंगमो, क्यूलिंग काजा।

कई साल खराब नहीं होता यह मटर

कोरोना को लेकर देशभर में जो स्थिति बनी है उसे देखते हुए स्पीति वैली के किसानों ने इस बार हरे मटर की बजाय काले मटर की अधिक बिजाई की है। यह मटर कई साल तक खराब नहीं होता है। -सुजाता नेगी, खंड तकनीकी प्रबंधक आत्मा परियोजना काजा।

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